PMEGP योजना से मिली मदद.. गृहणी से सफल उद्यमी बनीं रजनी, 25 लोगों को दे रहीं रोजगार

रजनी अग्रवाल ने PMEGP योजना की मदद से एक छोटे गांव से कारोबार की शुरुआत की. कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने मेहनत और लगन से सफलता पाई और 25 लोगों को रोजगार देकर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया.

नोएडा | Published: 8 Aug, 2025 | 08:30 PM

किसी ने सही कहा है-अगर दिल में कुछ कर दिखाने की चाह हो और मेहनत करने का जज्बा हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता. उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाली रजनी अग्रवाल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. एक गृहिणी से सफल उद्यमी बनने का उनका सफर ना सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए एक उदाहरण भी है, जो अपने परिवार की भलाई के लिए कुछ अलग करना चाहती हैं.

छोटे व्यापार से शुरू हुआ सफर

रजनी अग्रवाल और उनके पति पंकज कुमार अग्रवाल पहले पशु आहार (Cattle Feed) का खुदरा व्यापार किया करते थे. इस काम में मुनाफा बहुत कम होता था और परिवार की जरूरतें भी मुश्किल से पूरी होती थीं. रजनी के मन में हमेशा यह चिंता रहती थी कि वह अपनी बेटी को बेहतर शिक्षा कैसे दिला पाएंगी और अपने परिवार को बेहतर जीवन कैसे देंगी.

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम बना सहारा

एक दिन उन्हें एक बैंक से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के बारे में जानकारी मिली. यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) द्वारा चलाई जाती है, जिसका उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देना है. रजनी जी ने इस योजना के अंतर्गत ऋण के लिए आवेदन किया और उन्हें मंजूरी भी मिल गई. इस मदद से उन्होंने वर्ष 2017 में यमुनोत्री कैटल फीड इंडस्ट्रीज के नाम से एक नई इकाई की शुरुआत की.

चुनौतियां आईं, लेकिन हौसला नहीं टूटा

शुरुआती दिनों में उनका सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा. एक ओर श्री पंकज को त्वचा रोग हो गया, तो दूसरी ओर पूरी दुनिया में कोविड-19 की महामारी फैल गई. लेकिन इन मुश्किलों ने रजनी जी और उनके पति का हौसला नहीं तोड़ा. उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से न सिर्फ व्यापार को संभाला, बल्कि अपने उत्पाद की गुणवत्ता में भी कोई समझौता नहीं किया.

आज एक सफल ब्रांड और प्रेरणा का स्रोत

आज यमुनोत्री कैटल फीड इंडस्ट्रीज का वार्षिक टर्नओवर 3.06 करोड़ रुपए है. इस कंपनी में 25 से ज्यादा लोगों को स्थायी रोजगार मिला है. रजनी अग्रवाल और पंकज कुमार अग्रवाल आज न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त हैं, बल्कि अपने गाँव के लोगों के लिए भी प्रेरणा बन चुके हैं.

Published: 8 Aug, 2025 | 08:30 PM