Mandi Bhav: 3 रुपये प्याज तो 5 रुपये किलो हुआ टमाटर, परेशान किसान सड़क किनारे फेंक रहे अपनी उपज

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में टमाटर और प्याज के दाम बेहद गिर गए हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. पथिकोंडा मार्केट में टमाटर 5-8 रुपये किलो और प्याज 3 रुपये किलो बिक रहा है. लागत न निकलने से कई किसानों ने फसलें नष्ट कर दी हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 15 Sep, 2025 | 10:22 AM

Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के किसान इस समय भारी संकट से जूझ रहे हैं. टमाटर और प्याज के दाम रिकॉर्ड स्तर तक गिर गए हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. कई किसानों ने तो मजबूरी में अपनी फसलें खेत में छोड़ दी हैं या सड़क किनारे फेंक दी हैं. राज्य के बड़े टमाटर बाजारों में से एक पथिकोंडा मार्केट यार्ड में टमाटर के दाम 20 रुपये प्रति किलो से गिरकर अब सिर्फ 5-8 रुपये रह गए हैं. लगभग यही हाल प्याज के साथ भी है. प्याज का रेट भी गिरकर 300 रुपये क्विंटल हो गया है. यानी प्याज 3 रुपये किलो होलसेल में बिक रहा है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त के अंत में जहां पथिकोंडा मार्केट यार्ड में सिर्फ 10 क्विंटल टमाटर आ रहा था, वहीं अब यह बढ़कर 40 टन तक पहुंच गया है. इसकी वजह से कीमत में गिरावट आई है. ऐसे जिले में करीब 6,500 हेक्टेयर में टमाटर की खेती होती है. किसानों ने प्रति एकड़ 35,000 से 50,000 रुपये तक का निवेश किया था, लेकिन अब उन्हें भारी घाटा उठाना पड़ रहा है. बेलगल मंडल के रमंजनयालु ने चार महीने में 1.5 लाख रुपये खर्च कर फसल उगाई थी, लेकिन जब दाम इतने कम मिले कि ट्रांसपोर्ट का खर्च भी नहीं निकल रहा था, तो उन्होंने ट्रैक्टर चलाकर पूरी फसल नष्ट कर दी.

कूड़ेदान में टमाटर फेंक रहे किसान

देवनकोंडा के एक और किसान ने शनिवार को अपनी टमाटर की उपज बाजार के पास कूड़ेदान में फेंक दी. उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि हम अपनी मेहनत को सड़ते हुए देख रहे हैं. प्याज किसान भी ऐसे ही हालात का सामना कर रहे हैं. कुरनूल कृषि बाजार में प्याज के दाम 2,000 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर अब सिर्फ 300 रुपये रह गए हैं. रोजाना 1,000 क्विंटल से ज्यादा प्याज बाजार में आ रहा है, लेकिन खराब गुणवत्ता और निर्यात मांग की कमी से खरीदार नहीं मिल रहे.

सरकार कर रही MSP पर प्याज की खरीद

गुडूर के बोया पोनक्कल्लु नायडू ने कहा कि उनके साले ने पिछले हफ्ते 75 क्विंटल प्याज बिना बेचे ही छोड़ दिए. खुद नायडू को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 1,200 रुपये प्रति क्विंटल पर प्याज बेचनी पड़ी. उन्होंने कहा कि ये ऐसा है जैसे डूबते वक्त एक लकड़ी के टुकड़े का सहारा हो. राज्य सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना, जिसे MARKFED लागू कर रही है, ने 31 अगस्त से अब तक 20,000 क्विंटल से ज्यादा प्याज खरीदी है, जिससे किसानों को कुछ हद तक राहत मिली है. कुरनूल मंडी यार्ड की सचिव आर. जया लक्ष्मी ने किसानों से अपील की है कि वे प्याज को ठीक से छांटें (ग्रेडिंग करें) और कच्ची फसल की तुड़ाई न करें.

 

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Published: 15 Sep, 2025 | 10:19 AM

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