अब मिट्टी नहीं, सिर्फ एक गिलास पानी काफी.. घर पर ऐसे उगाएं ताजा पुदीना

आजकल लोग केमिकल और कीटनाशकों से मुक्त सब्जियां और जड़ी-बूटियां उगाने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. पानी में पुदीना उगाने का तरीका न सिर्फ आसान है, बल्कि बच्चों और बड़ों दोनों के लिए सीखने और सिखाने का बेहतरीन अनुभव भी है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 15 Dec, 2025 | 10:53 AM

रसोई में इस्तेमाल होने वाली हरी पत्तियों में अगर किसी एक का नाम सबसे पहले आता है, तो वह है पुदीना. चटनी हो, रायता हो, नींबू पानी हो या फिर गर्मी में ठंडक देने वाला शरबत, पुदीने के बिना स्वाद अधूरा सा लगता है. अच्छी बात यह है कि पुदीना उगाने के लिए न तो बड़े बगीचे की जरूरत होती है और न ही ज्यादा मेहनत की. आप चाहें तो सिर्फ एक गिलास पानी में भी पुदीना उगा सकते हैं, वो भी अपने घर की खिड़की या किचन काउंटर पर.

क्यों खास है पानी में पुदीना उगाना

आजकल लोग केमिकल और कीटनाशकों से मुक्त सब्जियां और जड़ी-बूटियां उगाने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. पानी में पुदीना उगाने का तरीका न सिर्फ आसान है, बल्कि बच्चों और बड़ों दोनों के लिए सीखने और सिखाने का बेहतरीन अनुभव भी है. इसमें आप अपनी आंखों से जड़ों को बढ़ते हुए देख सकते हैं, जो इसे और भी रोचक बना देता है.

पुदीने की सही डंडी कैसे चुनें

पुदीना उगाने की शुरुआत एक अच्छी कटिंग से होती है. इसके लिए आप बाजार से लाए गए पुदीने के गुच्छे में से कोई ताजा और हरी डंडी चुन सकते हैं या किसी जान-पहचान वाले के पौधे से एक शाखा ले सकते हैं. ध्यान रखें कि डंडी मोटी, हरी और स्वस्थ होनी चाहिए. लगभग 12 से 15 सेंटीमीटर लंबी डंडी सबसे अच्छी मानी जाती है.

डंडी को उस जगह से काटें, जहां से पत्तियां निकलती हैं, यानी नोड के ठीक नीचे से. इसके बाद नीचे की पत्तियों को धीरे-धीरे हटा दें ताकि वे पानी में न डूबें.

एक गिलास पानी में कैसे लगाएं पुदीना

अब एक साफ कांच या स्टील का गिलास लें और उसमें सामान्य पीने का पानी भर दें. पुदीने की डंडी को इस तरह पानी में डालें कि निचला हिस्सा डूबा रहे और पत्तियां पानी से बाहर रहें. गिलास को ऐसी जगह रखें जहां तेज धूप न आती हो, लेकिन हल्की रोशनी जरूर हो.

गर्म मौसम में अगर आप चाहें तो गिलास के ऊपर आधी कटी हुई प्लास्टिक बोतल ढक सकते हैं. इससे अंदर नमी बनी रहती है और जड़ें तेजी से बढ़ती हैं.

कब दिखने लगेंगी जड़ें

अगर डंडी स्वस्थ है तो 5 से 7 दिनों में आपको उसके निचले हिस्से से सफेद रंग की छोटी-छोटी जड़ें निकलती दिखाई देने लगेंगी. यही वो पल होता है, जब समझ आता है कि आपका प्रयोग सफल हो रहा है. हर दो से तीन दिन में पानी बदलते रहें ताकि पानी साफ रहे और बदबू न आए.

गमले में लगाना है या पानी में ही रखें

जब जड़ें अच्छी तरह निकल आएं और लगभग 2–3 सेंटीमीटर लंबी हो जाएं, तब आप चाहें तो पुदीने को मिट्टी वाले गमले में लगा सकते हैं. गमले की मिट्टी हल्की और जल निकासी वाली होनी चाहिए. शुरुआती दिनों में गमले को तेज धूप से बचाएं और नियमित पानी देते रहें.

अगर आप चाहें तो पुदीना कुछ समय तक सिर्फ पानी में भी उगा सकते हैं, लेकिन लंबे समय के लिए मिट्टी में लगाना ज्यादा बेहतर रहता है.

पुदीना क्यों रखें गमले में ही

पुदीना बहुत तेजी से फैलने वाला पौधा है. अगर इसे सीधे जमीन में लगाया जाए तो यह पूरे बगीचे में फैल सकता है. इसलिए इसे गमले में या पानी में डूबे हुए गमले में उगाना सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है. इससे पौधा नियंत्रण में रहता है और देखभाल भी आसान होती है.

पुदीने की अलग-अलग किस्में

पुदीने की कई किस्में होती हैं, जैसे सामान्य पुदीना, स्पीयरमिंट, पेपरमिंट, वियतनामी पुदीना, सेब पुदीना और चॉकलेट मिंट. हर किस्म का स्वाद और खुशबू थोड़ी अलग होती है और आप अपनी जरूरत के अनुसार इन्हें चुन सकते हैं.

घर पर उगाने का मजा और फायदे

घर में उगा पुदीना न सिर्फ ताजा और खुशबूदार होता है, बल्कि यह पूरी तरह केमिकल-फ्री भी होता है. बच्चों के लिए यह एक सीखने वाली गतिविधि है और बड़ों के लिए सुकून देने वाला अनुभव. सबसे अच्छी बात यह है कि थोड़ी सी कोशिश से आप साल भर ताजा पुदीने का आनंद ले सकते हैं.

अगर पुदीना पानी में उग सकता है, तो आप वॉटरक्रेस, रोजमेरी और कुछ अन्य जड़ी-बूटियों के साथ भी ऐसा प्रयोग कर सकते हैं. हो सकता है, एक छोटा सा गिलास आपके घर में हरियाली की शुरुआत बन जाए.

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