पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए सरकार का बड़ा कदम, शुरू हुआ LHDCP कार्यक्रम

भारत सरकार का एलएचडीसीपी कार्यक्रम पशुधन को रोगों से बचाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है. यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पोषण सुरक्षा और पशुपालकों की आजीविका को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रही है.

नोएडा | Published: 8 Aug, 2025 | 07:55 PM

भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पशुधन न केवल किसानों की आय का प्रमुख स्रोत है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, पोषण सुरक्षा और ग्रामीण जीवनशैली की रीढ़ भी है. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) को मजबूती से लागू किया है. यह केंद्र प्रायोजित योजना देश की विशाल पशुधन आबादी को रोगों से सुरक्षित रखने और पशुपालकों की आजीविका को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) पशुओं की सुरक्षा के लिए देशभर में LHDCP (Livestock Health and Disease Control Program) कार्यक्रम को लागू कर रहा है. इस योजना का उद्देश्य संक्रामक रोगों पर नियंत्रण, सुलभ टीकाकरण, आधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाएं और दवाओं की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करना है.

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP)

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य खुरपका-मुंहपका (FMD) और गोजातीय ब्रुसेलोसिस जैसे संक्रामक रोगों पर नियंत्रण और उनका पूर्ण उन्मूलन है. इसके तहत देशभर में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाए जाते हैं, जिससे सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित की जाती है. इससे मवेशियों की उत्पादकता में वृद्धि और किसानों की आय में सुधार सुनिश्चित होता है.

पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण (एलएचएंडडीसी)

इस घटक के अंतर्गत तीन उप-कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं-

  1. गंभीर पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (सीएडीसीपी)- इसका मकसद भेड़ों-बकरियों में PPR और सूअरों में CSF जैसे रोगों का टीकाकरण द्वारा नियंत्रण और उन्मूलन करना है.
  2. मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां (MVUs)- किसानों को घर बैठे पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु टोल-फ्री नंबर 1962 के माध्यम से मोबाइल यूनिट्स चलाई जा रही हैं.
  3. राज्यों को सहायता (ASCAD)- यह योजना राज्यों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है ताकि वे जूनोटिक, विदेशी और आकस्मिक रोगों पर नियंत्रण कर सकें. इसमें प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण, रोग निगरानी और प्रकोप के समय मुआवजा देना शामिल है.

पशु औषधि वितरण और उपलब्धता

पशुओं के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता ग्रामीण भारत में एक बड़ी चुनौती रही है. इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. अब प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PM-KSK) और विभिन्न सहकारी समितियों के माध्यम से एथनो-वेटरनरी मेडिसिन (EVM) सहित जेनेरिक पशु औषधियां आसानी से उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे पशुपालकों को इलाज के लिए सस्ती और प्रभावी दवाएं मिल सकेंगी. यह पूरी पहल औषधि विभाग और सहकारिता मंत्रालय के सहयोग से संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य पशु स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ और किफायती बनाना है.

Published: 8 Aug, 2025 | 07:55 PM