मक्का के लिए मांगी दवा, दुकानदार ने दे दी सोयाबीन की! 8 बीघा फसल तबाह, लाखों का नुकसान!

धार जिले में किसान के साथ बड़ा धोखा! मक्का की फसल में छिड़काव के लिए मांगी दवा, लेकिन दुकानदार ने थमा दी सोयाबीन वाली. इतना ही नहीं लाखों का नुकसान झेल रहे किसान को उल्टा दुकानदार ने धमकी भी दी.

नोएडा | Published: 17 Jul, 2025 | 10:26 PM

किसानों की जिंदगी पहले ही मौसम, लागत और कर्ज के बीच उलझी रहती है. ऐसे में अगर भरोसे का दुकानदार ही धोखा दे दे तो नुकसान की भरपाई कौन करेगा? मध्य प्रदेश के धार जिले के एक किसान के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. उसने मक्का में छिड़काव के लिए खरपतवार हटाने की दवा खरीदी, लेकिन दुकानदार ने उसे सोयाबीन की दवा थमा दी. नतीजा ये कि किसान की 8 बीघा में लगी मक्का की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. लाखों का नुकसान हुआ और दुकानदार से शिकायत करने पर उसे धमकी तक मिली.

मक्का की जगह दे दी सोयाबीन की दवा

धार जिले के दिलावरा गांव निवासी किसान रामप्रसाद ने 5 जुलाई 2025 को एमजी रोड स्थित सुगंधी खाद बीज भंडार से मक्का में छिड़काव के लिए खरपतवार नाशक दवा खरीदी. दवा की कीमत 3500 रुपये थी. किसान को भरोसा था कि उसे मक्का के लिए उपयुक्त दवा दी गई है. लेकिन जब उसने दवा का छिड़काव किया तो कुछ ही दिनों में फसल मुरझाने लगी. जांच में पता चला कि जो दवा उसे दी गई थी, वो मक्का के लिए नहीं बल्कि सोयाबीन के लिए थी.

Dilawara village farmer news

धार के किसान को दुकानदार ने दिया धोखा

लाखों का नुकसान दुकानदार ने झगड़ा किया

दवा का असर ऐसा हुआ कि रामप्रसाद की 8 बीघा जमीन पर लगी मक्का की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई. जब किसान ने नाराजगी जताते हुए दुकानदार से बात की तो उसने उल्टा झगड़ा कर लिया. इतना ही नहीं दुकानदार ने कहा कि तुझसे जो होता है कर ले. यह सुनकर किसान परेशान हो गया, क्योंकि लाखों का नुकसान उसके सामने खड़ा था और सामने वाला जवाबदेही लेने को तैयार नहीं था.

कलेक्टर के आदेश पर जांच टीम गठित

रामप्रसाद ने अपनी बात जनसुनवाई में धार कलेक्टर तक पहुंचाई. शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने किसान कल्याण विभाग  को जांच के निर्देश दिए. इसके बाद विभाग ने तुरंत एक जांच समिति गठित की, जो मौके पर जाकर दवा, फसल और दुकानदार की भूमिका की जांच करेगी. किसान को उम्मीद है कि उसे न्याय मिलेगा और नुकसान की कुछ भरपाई हो सकेगी.

किसानों को गलत दवा देने का यह पहला मामला नहीं

यह पहला मामला नहीं है जब दुकानदारों द्वारा किसानों को गलत दवा दी गई हो. कई बार ऐसा हो चुका है कि मुनाफे के चक्कर में दुकानदार बिना जानकारी या जानबूझकर किसानों को गलत उत्पाद दे देते हैं, जिससे उनकी फसल तबाह हो जाती है. लेकिन अधिकतर मामलों में कार्रवाई अधूरी रह जाती है या फिर किसान डर के मारे आवाज नहीं उठा पाते.

पीड़ित किसान को मिले तुरंत मुआवजा

इस घटना के बाद क्षेत्र के कई किसानों ने भी आवाज उठाई है. उनका कहना है कि खाद-बीज की दुकानों पर सख्त निगरानी होनी चाहिए और अगर कोई दुकानदार गलत दवा बेचता है तो उसके लाइसेंस रद्द किए जाएं. साथ ही किसान को तुरंत मुआवजा मिलना चाहिए ताकि उसकी आर्थिक रीढ़ न टूटे.