कर्नाटक में खाद की किल्लत, किसानों को DAP की जगह इसे इस्तेमाल करने की दी गई सलाह

भारत को हर साल जितनी DAP की जरूरत होती है, उसमें से लगभग 48 फीसदी आयात करना पड़ता है, जिसमें चीन सबसे बड़ा सप्लायर है. लेकिन अब चीन ने राजनीतिक कारणों के साथ-साथ DAP के कुछ घटकों को दूसरे उत्पादों में इस्तेमाल करने के चलते निर्यात घटा दिया है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 15 Jul, 2025 | 05:04 PM

कर्नाटक में DAP की किल्लत हो गई है. किसानों को भरपूर मात्रा में खाद नहीं मिल रही है. ऐसे में कृषि विभाग और विशेषज्ञों ने किसानों से अपील की है कि वे DAP की जगह NPK (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम) का उपयोग करें. ऐसे कर्नाटक को खरीफ सीजन के लिए 4 लाख टन और रबी के लिए 2 लाख टन DAP की जरूरत होती है. लेकिन केंद्र सरकार DAP की आपूर्ति राज्यों को पिछले तीन साल की औसत खपत के आधार पर करती है. इस साल कर्नाटक को 4 लाख टन DAP आवंटित किए गए थे, लेकिन अब तक सिर्फ 1.89 लाख टन ही मिल पाए हैं.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल का लगभग 76,000 टन का स्टॉक बचा हुआ था, जिसे मिलाकर अब तक 1.9 लाख टन DAP का वितरण किया गया है. रबी के लिए आवंटन जुलाई के अंत में होगा, लेकिन इस बार कितना मिलेगा, यह स्पष्ट नहीं है. वहीं, कृषि उर्वरक संकट पर एक अधिकारी ने कहा कि भारत को हर साल जितनी DAP की जरूरत होती है, उसमें से लगभग 48 फीसदी आयात करना पड़ता है, जिसमें चीन सबसे बड़ा सप्लायर है. लेकिन अब चीन ने राजनीतिक कारणों के साथ-साथ DAP के कुछ घटकों को दूसरे उत्पादों में इस्तेमाल करने के चलते निर्यात घटा दिया है.

किसानों को दी गई खास सलाह

अधिकारी ने कहा कि भारत में बाकी जरूरत पूरी करने के लिए DAP का उत्पादन होता है, लेकिन इसके लिए जरूरी फॉस्फोरिक कंपाउंड्स रूस और अन्य देशों से आयात किए जाते हैं. इंडो-पाक तनाव के बाद जहाजों को कराची रूट से बचना पड़ रहा है, जिससे लागत और देरी दोनों बढ़ गई है.  इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष AB पाटिल ने कहा कि किसानों को अब NPK (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम) खाद अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फसल के अनुसार इन पोषक तत्वों का सही अनुपात तय किया जाना चाहिए. इसके साथ ही, हम किसानों को जैविक खाद (ऑर्गेनिक फर्टिलाइज़र) अपनाने की भी सलाह दे रहे हैं.

कृषि मंत्री ने जेपी नड्डा को लिखी थी चिट्ठी

कुछ हफ्ते पहले, कृषि मंत्री एन. चेलुवरायास्वामी ने इस संकट को लेकर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने कहा था कि 2024-25 में केंद्र ने खरीफ और रबी मिलाकर 4.91 लाख टन DAP भेजी, जबकि उपयोग 5.85 लाख टन रहा, जिसमें से अंतर पिछले साल के स्टॉक से पूरा किया गया.

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Published: 15 Jul, 2025 | 05:00 PM

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