मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों और व्यापारियों के लिए एक अहम फैसला लिया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में आयातित तुअर दाल पर मंडी टैक्स पूरी तरह से खत्म करने का निर्णय लिया गया. यह फैसला किसानों, दाल मिल मालिकों और कारोबारियों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगा.
क्या हुआ फैसला?
अब महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से आने वाली तुअर दाल पर मंडी टैक्स नहीं लगेगा. इससे पहले दाल पर हर 100 रुपये पर 1 रुपये का मंडी शुल्क लगता था, जो अब पूरी तरह खत्म हो गया है. इस टैक्स में छूट से दाल की कीमत कम होगी और दाल मिल उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा.
दाल मिल उद्योग को मिलेगा बड़ा फायदा
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को बताया कि मंडी टैक्स हटने से मध्य प्रदेश में दाल मिलों की संख्या बढ़ेगी. अब व्यापारी दूसरे राज्यों से तुअर दाल लाकर प्रदेश के मिलों में प्रोसेसिंग कर सकेंगे, जिससे उत्पादन में इजाफा होगा. इससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे क्योंकि प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ट्रांसपोर्टेशन और वितरण जैसे क्षेत्रों में काम के मौके बढ़ेंगे. खासतौर पर युवाओं और कुशल-अकुशल श्रमिकों के लिए नई नौकरियां बनेंगी.
किसानों को सीधे लाभ मिलेगा
इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा किसानों को होगा. दाल की मांग बढ़ने से बाजार में दाल के दाम बेहतर होंगे, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. साथ ही सरकार दाल उत्पादन को और बढ़ाने के लिए नई योजनाएं भी ला सकती है. इससे प्रदेश में दलहन फसलों की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा.
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
कैबिनेट ने महिलाओं के लिए भी ध्यान दिया है. वर्किंग वुमन हॉस्टल के लिए लगभग 40 करोड़ 59 लाख रुपये का फंड मंजूर किया गया है. इस फंड से झाबुआ, सिंगरौली, देवास और नर्मदापुरम में चार नए हॉस्टल बनाए जाएंगे, जिनमें लगभग 350 सीटें होंगी. इसके अलावा, सभी विभागों में ट्रांसफर पॉलिसी की तारीख 17 जून तक बढ़ा दी गई है.