Water Chestnut Cultivation: बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा-पंजाब जैसे राज्यों के अधिकांश किसानों को लगता है कि कमाई केवल गेहूं-धान जैसी पारंपरिक फसलों में ही है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. अगर किसान धान-गेहूं की जगह सिंघाड़े की खेती करते हैं, तो कम लागत में ही बंपर कमाई होगी. क्योंकि सिंघाड़े की खेती में ज्यादा खाद और देखरेख पर पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होती है. बस तालाब में प्रयाप्त पानी होना चाहिए. ऐसे भी कई राज्यों में राज्य सरकारें सिंघाड़े की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. इसके बावजूद भी किसान सिंघाड़े की खेती में रूचि नहीं ले रहे हैं. लेकिन किसानों को मालूम होना चाहिए कि सिंघाड़े की खेती में केवल कमाई ही कमाई है.
दरअसल, कई किसानों का कहना है कि सिंघाड़े की खेती में उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. पर अब ऐसे किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम सिंघाड़े की खेती करने के ऐसे कुछ देसी टिप्स के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं, जिसे अपनाते ही उपज बढ़ जाएगी. ऐसे भी कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि सिंघाड़े की खेती में शुरुआत से ही सावधानी बरतने की जरूरत है. खासकर फसल तैयार करने के लिए तालाब की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए. तालाब में दवा का छिड़काव करके पानी की सतह पर जमी काई को हटाना अच्छा रहता है. इसके बाद सिंघाड़े के पौधे डाले जा सकते हैं, जिससे तालाब साफ रहता है और उत्पादन बढ़ता है.
मार्च- अप्रैल में करें सिंघाड़े की बुवाई
ऐसे सिंघाड़े की रोपाई के लिए आमतौर पर मार्च- अप्रैल का महीना बेस्ट माना गया है. अगर किसान इस दौरान सिंघाड़े की बुवाई करते हैं, तो अच्छी उपज होती है. साथ ही फल के साइज भी बड़े-बड़े होते हैं. ऐसे बुवाई के 5 महीने बाद फसल तैयार हो जाती है. यानी शुरुआती फसल की कटाई सितंबर से नवंबर में शुरू हो जाती है. चूंकि सिंघाड़ा ठंड के मौसम की फसल है, इसलिए सर्दियों में इसकी कीमत भी ज्यादा मिलती है.
मार्केट में सिंघाड़े की बहुत है मांग
अभी मार्केट में सिंघाड़ा 30 से 40 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं, फुटकर में किसान इसे 40- 50 रुपये प्रति किलो तक बेच लेते हैं, जिससे उन्हें सीधा अच्छा मुनाफा मिलता है. सिंघाड़े की खेती में प्रति बीघा करीब 3 से 5 हजार रुपये तक की लागत आती है, जिसमें उर्वरक भी शामिल होते हैं. एक एकड़ में लगभग 75 क्विंटल या उससे ज्यादा उत्पादन हो जाता है. अगर किसान 30 रुपये किलो के हिसाब से उपज बेचते हैं तो 75 क्विंटल सिंघाड़े से उन्हें 2,2500 रुपये की कमाई होगी.