नारियल के रेट में गिरावट से किसानों को नुकसान, एक हफ्ते में 18 रुपये किलो कम हुई कीमत

नारियल किसानों को अचानक कीमत गिरावट से नुकसान हुआ है. बड़ी तेल कंपनियां और स्थानीय व्यापारी मिलकर कीमत घटा रहे हैं. घरेलू खपत घटने और कोपरा उत्पादन बढ़ने से बाजार में असामान्य उतार-चढ़ाव देखने को मिला.

नोएडा | Updated On: 17 Aug, 2025 | 11:58 AM

तमिलनाडु के कोयंबटूर में पिछले कुछ महीनों में नारियल के बढ़ते दामों से खुश दिख रहे किसान अब मुसीबत में फंस गए हैं. हाल ही में नारियल की कीमतों में अचानक गिरावट आई है, जिससे कई किसानों को अपनी ताजा फसल जमा करनी पड़ी है, क्योंकि बेचने पर घाटा हो रहा था. किसानों का आरोप है कि कुछ बड़ी तेल कंपनियों और लोकल व्यापारियों ने मिलकर एक गिरोह (सिंडिकेट) बना लिया है और जानबूझकर खरीद मूल्य घटा दिया. उनका कहना है कि 8 अगस्त को नारियल की कीमत 70 रुपये से गिराकर 52 रुपये प्रति किलो कर दी गई. यानी अगस्त के दूसरे हफ्ते में ही कीमत 18 रुपये कम हो गई. हालांकि 15 अगस्त तक खरीद दर थोड़ी बढ़कर 64 रुपये प्रति किलो हो गई है.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पोल्लाची के नारियल व्यापारी पी. जीवनानंदम का कहना है कि आजकल सिर्फ दो बड़ी नारियल तेल कंपनियां ही बाजार में दाम तय कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ताजा नारियल दो तरीकों से इस्तेमाल होता है. एक सीधे खाने के लिए और दूसरा कोपरा बनाकर तेल निकालने के लिए. बाजार के मुताबिक, घरेलू इस्तेमाल के लिए नारियल की खपत घट रही है, क्योंकि इसकी कीमत ज्यादा हो गई है.

2023 में नारियल का दाम  25 रुपये प्रति किलो

व्यापारी पी. जीवनानंदम ने कहा कि वहीं, कोपरा बनाने की प्रक्रिया बढ़ी है, जिससे कोपरे की कीमत 8 अगस्त तक 255 रुपये से गिरकर 195 रुपये प्रति किलो हो गई. हालांकि, ये गिरावट पिछले वर्षों की तुलना में असामान्य रही है. उन्होंने यह भी कहा कि 2023 में नारियल का दाम सिर्फ 25 रुपये प्रति किलो था, ऐसे में अगर इस साल कीमत 60 रुपये प्रति किलो से थोड़ी नीचे भी जाती है, तो किसानों के लिए ये अब भी फायदेमंद सौदा है.

2 करोड़ लीटर नारियल तेल की जरूरत

आनाइमलाई तालुक के सुब्बेगौंडनपुदुर गांव के किसान केके जोथमणि ने कहा कि अगस्त के पहले हफ्ते तक व्यापारी 70 रुपये प्रति किलो तक कीमत दे रहे थे. लेकिन 6 अगस्त के बाद सिर्फ दो दिनों में कीमत 52 रुपये प्रति किलो तक गिर गई, जो एक असामान्य गिरावट थी. जोथमणि का मानना है कि ओणम त्योहार से पहले केरल में करीब 2 करोड़ लीटर नारियल तेल की जरूरत होती है. सरकार राशन कार्ड पर दो लीटर तक सब्सिडी वाला नारियल तेल दे रही है, इसलिए कीमत गिरने की संभावना बहुत कम है. साथ ही, खेती में नारियल का उत्पादन भी नहीं बढ़ा है. इसी बीच, व्यापारियों ने पिछले तीन दिनों में कीमत फिर 10 से 12 रुपये प्रति किलो बढ़ा दी है.

क्या कहते हैं किसान नेता

किसान संघ के युवा संगठन के सचिव हैं ए कार्तिक कृष्णन ने कहा कि पिछले दो हफ्तों से मैं लगभग 10,000 नारियल जमा करके रखे हुए हैं, क्योंकि कीमतों में बहुत उतार-चढ़ाव हो रहा है. पिछले एक साल से कीमत 68 से 75 रुपये प्रति किलो के बीच थी. अचानक गिरावट ने किसानों में चिंता पैदा कर दी है. उन्होंने कहा कि सरकार का नारियल बाजार में कीमत तय करने में कोई रोल नहीं है. कीमतें रोजाना कांगेयम तेल बाजार के आधार पर व्यापारी तय करते हैं.

Published: 17 Aug, 2025 | 11:51 AM