अमेरिका का दावा- भारत में रिकॉर्ड तोड़ होगा गेहूं का उत्पादन, इस वजह से बढ़ी पैदावार

भारत ने 2022 में गेहूं का निर्यात रोक दिया था, क्योंकि उस साल मार्च का महीना सौ सालों में सबसे गर्म रहा, जिससे फसल को नुकसान हुआ था. लेकिन इस साल, प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में तापमान गेहूं के लिए ज्यादा नुकसानदायक नहीं रहा.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 23 May, 2025 | 11:07 AM

भारत में इस साल गेहूं की पैदावार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है, जो पहले फरवरी के महीने में रिकॉर्ड गर्मी के चलते खतरे में दिख रही थी. लेकिन फसल के लिए सबसे अहम समय यानी ग्रेन-फिलिंग स्टेज के दौरान मौसम अनुकूल रहा, जिससे उपज बेहतर हुई है. भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक रतन तिवारी ने कहा कि जलवायु की स्थिति अच्छी रही और ओलावृष्टि या फसल बीमारियों से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. इसके अलावा, जलवायु-रोधी और अधिक उत्पादन देने वाले बीजों के इस्तेमाल से भी पैदावार बढ़ी है. वहीं, अमेरिका ने भी भारत में बंपर कृषि उत्पादन का अनुमान लगाया है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, अब जब फसल अच्छी लग रही है, तो आटा मिल मालिक सरकार से गेहूं उत्पादों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे हैं. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नवनीत चितलांगिया ने कहा कि कुछ हफ्ते पहले तक यही संगठन उत्पादन को लेकर चिंता जताते हुए आयात शुल्क कम करने की मांग कर रहा था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. नवनीत चितलांगिया ने कहा कि सरकारी गोदाम गेहूं से भरे हुए हैं और निजी व्यापारियों के पास भी अच्छा खासा भंडार है. उन्होंने कहा कि देशभर में अब गेहूं की कटाई लगभग पूरी होने वाली है. ऐसे में सरकार को गेहूं उत्पादों के निर्यात की अनुमति देनी चाहिए.

गेहूं उत्पादन का अनुमान

अमेरिका के कृषि विभाग के मुताबिक, भारत का गेहूं उत्पादन इस साल रिकॉर्ड 1170 लाख टन तक पहुंच सकता है. इससे सीजन के अंत तक देश के गेहूं भंडार पिछले चार सालों में सबसे ज्यादा हो सकते हैं.भारत में पैदावार बढ़ने से दुनिया भर में गेहूं की कीमतों पर दबाव बन सकता है, जो इस महीने अब तक करीब 3 फीसदी बढ़ चुकी हैं. इससे देश में खाद्य महंगाई कम करने में भी मदद मिल सकती है.

2022 से गेहूं निर्यात पर रोक

भारत ने 2022 में गेहूं का निर्यात रोक दिया था, क्योंकि उस साल मार्च का महीना सौ सालों में सबसे गर्म रहा, जिससे फसल को नुकसान हुआ था. लेकिन इस साल, प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में तापमान गेहूं के लिए ज्यादा नुकसानदायक नहीं रहा. वहीं, खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि जब सरकारी एजेंसियां गेहूं की खरीद पूरी कर लेंगी, तब खाद्य मंत्रालय देश की जरूरतों का आंकलन करेगा और अन्य विभागों से चर्चा करके निर्यात की अनुमति देने पर फैसला लिया जाएगा.

9 मई तक 296 लाख टन गेहूं खरीद

सरकारी संस्था भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने 19 मई तक 296 लाख टन गेहूं खरीदा है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 14 फीसदी ज्यादा है. जोशी के मुताबिक, इस साल कुल खरीद 22 फीसदी बढ़कर 325 लाख टन तक पहुंच सकती है. मार्च में कृषि मंत्रालय ने अनुमान लगाया था कि 2024-25 में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर 1154 लाख टन तक पहुंच सकता है. हालांकि उस समय बाजार के कुछ विशेषज्ञ इस अनुमान को लेकर संदेह में थे क्योंकि फसल की स्थिति शुरूआती दौर में थी और मौसम भी बार-बार बदल रहा था. लेकिन बाद में ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम अनुकूल रहा. ना भारी बारिश हुई और ना ही तापमान असामान्य रहा.

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Published: 23 May, 2025 | 11:03 AM

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