नारियल तेल हुआ सस्ता: नई फसल आते ही कीमतों में गिरावट, सरकार भी दे रही सब्सिडी में तेल

केरल सरकार ने ओणम त्योहार के पहले बड़ा फैसला लिया है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री जी.आर. अनिल ने घोषणा की है कि राज्य में राशन कार्ड धारकों को सब्सिडी पर नारियल तेल मिलेगा.

नई दिल्ली | Published: 5 Aug, 2025 | 03:02 PM

जो नारियल तेल जुलाई में आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया था, अब उसकी कीमतों में राहत दिखने लगी है. ताजा फसल की आवक ने नारियल तेल और कोपरा (सूखा नारियल) दोनों के दामों को नीचे ला दिया है. जो तेल कुछ हफ्ते पहले 393 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था, वही अब थोक मंडी में 379 रुपये में बिक रहा है. वहीं कोपरा की कीमत भी 261 रुपये से गिरकर 240 रुपये प्रति किलो हो गई है.

क्यों गिरे नारियल तेल के दाम?

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, कोच्चि ऑयल मर्चेंट्स एसोसिएशन के थलथ महमूद का कहना है कि तमिलनाडु और कर्नाटक से नई कोपरा की आवक शुरू हो चुकी है. यह फसल पहले थोड़ी देरी से आई, लेकिन अब बाजार में इसका असर दिखने लगा है. कोपरा की बढ़ती उपलब्धता से तेल की आपूर्ति भी बढ़ी और यही वजह रही कि थोक बाजार में दाम गिरने लगे.

नारियल तेल उद्योग के विशेषज्ञ के.के. देवराज ने बताया कि इस गिरावट का असर आने वाले हफ्तों में और तेजी से देखने को मिलेगा. व्यापारी अब पुराने स्टॉक को निकालने में लगे हैं, जिससे बाजार में और भी ज्यादा तेल पहुंच रहा है और कीमतें दबाव में हैं.

खुदरा बाजार में क्या हाल है?

फिलहाल रिटेल में नारियल तेल की कीमतें 450 रुपये से 500 रुपये प्रति किलो के बीच हैं, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इसमें भी राहत मिल सकती है. कई लोग अब महंगे नारियल तेल के बजाय सूरजमुखी, पामोलिन या मिक्स तेल की ओर रुख कर रहे हैं, जो 200-250 रुपये प्रति लीटर में मिल जाते हैं. कुछ लोग तो सस्ते नारियल तेल के नाम पर मिलावटी तेल भी खरीदने लगे थे.

केरल सरकार दे रही सब्सिडी में तेल

केरल सरकार ने ओणम त्योहार के पहले बड़ा फैसला लिया है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री जी.आर. अनिल ने घोषणा की है कि राज्य में राशन कार्ड धारकों को सब्सिडी पर नारियल तेल मिलेगा.

क्या है योजना?

  • हर राशन कार्ड पर 2 लीटर नारियल तेल मिलेगा
  • सप्लाईको (Supplyco) दुकानों से 349 रुपये प्रति लीटर की रियायती दर पर मिलेगा
  • यह सुविधा 4 सितंबर 2025 तक उपलब्ध रहेगी
  • केरल स्टेट को-ऑपरेटिव कोकोनट फार्मर्स फेडरेशन (Kerafed) के साथ मिलकर यह योजना चलाई जा रही है
  • सरकार जल्द ही कम दाम पर तेल खरीदने के लिए टेंडर भी जारी कर सकती है, ताकि उपभोक्ताओं को और राहत दी जा सके.

तेल के दाम कम होने की उम्मीद

नई फसल की आवक से अगर यही रुझान जारी रहा, तो आने वाले समय में नारियल तेल आम लोगों के बजट में फिर से फिट हो सकता है. त्योहारों के मौसम में यह राहत बड़ी बात है, खासकर उन राज्यों के लिए जहां नारियल तेल रोजमर्रा के खाने का हिस्सा है.