मखाना श्रमिकों का बनेगा लेबर कार्ड, सरकार तैयार करेगी 5 साल का रोड मैप.. लाखों किसानों को सीधा फायदा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने मखाना की खेती और प्रोसेसिंग यूनिट में काम करने वाले मजदूरों के लिए लेबर कार्ड जारी करने का फैसला किया है. इसका उद्देश्य श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और सरकारी योजनाओं से जोड़ना है. साथ ही मखाना उद्योग को मजबूत करने के लिए पांच साल का रोडमैप तैयार किया जाएगा.

Kisan India
नोएडा | Published: 23 Dec, 2025 | 02:12 PM
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Makhana Farming: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने मखाने की खेती और प्रोसेसिंग यूनिट में काम करने वाले मजदूरों के हित में बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने मजदूरों के लिए लेबर कार्ड जारी करने का फैसला किया है. इस लेबर कार्ड का मुख्य उदेश्य मखाना के खेतों और प्रोसेसिंग यूनिट्स में काम करने वाले श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और कई सरकारी सहायता योजनाओं के दायरे में लाना है, ताकि उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से सुरक्षा मिल सके. हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से मजदूरों की कमाई में बढ़ोतरी होगी. ऐसे में वे पहले से और ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे.

कहा जा रहा है कि सरकार मखाना की पूरी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अगले पांच साल का रोडमैप तैयार  करेगी. इसमें मखाना उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण, पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और निर्यात तक सभी पहलुओं पर काम किया जाएगा. इसके लिए नीति-निर्माताओं, विशेषज्ञों, किसानों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों के बीच संवाद और समन्वय पर जोर दिया जा रहा है.

क्या बोले प्रधान कृषि सचिव

दरअसल, बीते दिनों कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार की अध्यक्षता में पटना के कृषि भवन में ‘राष्ट्रीय मखाना समृद्धि मंथन’ कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम का मकसद बिहार में मखाना की पूरी वैल्यू चेन को मजबूत, संगठित और आत्मनिर्भर बनाना है. इस बैठक में यह फैसला लिया गया. प्रधान सचिव ने कहा कि मखाना उत्पादन में बिहार देश में अग्रणी है, लेकिन अब सिर्फ उत्पादन बढ़ाना  ही काफी नहीं है. जरूरत इस बात की है कि मूल्य संवर्धन से जुड़ी सभी कड़ियों को मजबूत किया जाए.

पैकेजिंग और मजबूत ब्रांडिंग पर दिया जाएगा जोर

उन्होंने कहा कि मखाना की बेहतर प्रोसेसिंग, आकर्षक पैकेजिंग, मजबूत ब्रांडिंग  और प्रभावी मार्केटिंग के जरिए किसानों और उद्यमियों की आय में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है. इसके साथ ही बीज उत्पादन बढ़ाने और उसकी गुणवत्ता सुधारने पर विशेष जोर देने की बात कही गई. मखाना उत्पादन को क्लस्टर आधारित मॉडल पर विकसित करने का सुझाव भी दिया गया, ताकि बेहतर योजना और संसाधनों का सही इस्तेमाल हो सके.

10 लाख परिवारों को होगा सीधा फायदा

सरकार ने मखाना विकास के लिए 2025 से 2031 तक 476.03 करोड़ रुपये की बड़ी केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है, जिससे उद्योग को मजबूती मिलेगी और इससे जुड़े लोगों के जीवन में सुधार आएगा. इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना को इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण और बिहार में इससे जुड़े करीब 10 लाख परिवारों को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.

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