उत्तर प्रदेश में रबी सीजन की तैयारी जोर पकड़ चुकी है और इसी बीच योगी सरकार किसानों के लिए एक बड़ी पहल लेकर आई है–किसान पाठशाला. यह सिर्फ एक ट्रेनिंग कार्यक्रम नहीं, बल्कि किसानों के जीवन और खेती को बदलने का एक बड़ा प्रयास है. सरकार चाहती है कि हर किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन हासिल करे और खेती के आधुनिक मॉडल को अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ा सके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अभियान की शुरुआत आज बाराबंकी के दौलतपुर गांव से कर रहे हैं, जहां पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा उन्नत खेती का मॉडल बन चुके हैं.
क्या है किसान पाठशाला?
किसान पाठशाला एक ऐसा सरकारी कार्यक्रम है जहां किसान अपने ही गांव या ब्लॉक स्तर पर खेती की आधुनिक तकनीकें सीखते हैं. यहां किसानों को मिट्टी की जांच, उन्नत किस्म के बीज, बेहतर सिंचाई मॉडल, बागवानी, पशुपालन, मशरूम-फार्मिंग, मधुमक्खी पालन और कीट प्रबंधन तक की मैदानी और व्यावहारिक ट्रेनिंग दी जाती है. अब तक इस कार्यक्रम के माध्यम से 1.90 करोड़ किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिससे यह देश की सबसे बड़ी कृषि प्रशिक्षण पहल बन गई है.
किसान पाठशाला कब और कहां होगी?
यह कार्यक्रम 12 दिसंबर से 29 दिसंबर 2025 तक पूरे प्रदेश में चलेगा. पंचायत भवन, प्राथमिक विद्यालय, पैक्स सोसायटी, कृषि विज्ञान केंद्र और किसान कल्याण केंद्रों पर यह पाठशालाएं आयोजित होंगी. हर ब्लॉक में चयनित प्रगतिशील किसान अपने अनुभव साझा करेंगे ताकि स्थानीय किसान उनसे सीख सकें और अपनी फसलों में सुधार कर सकें.
किसान पाठशाला से किसानों को क्या मिलेगा?
किसान पाठशाला का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां दी जाने वाली सभी जानकारी व्यवहारिक, सरल और सीधे किसान की जरूरत पर आधारित होती है.
किसान को मिलेगा:
- उन्नत बीज और नई खेती तकनीक की जानकारी
- फसलों में कम लागत में ज्यादा उत्पादन के तरीके
- जैविक खेती और कीट प्रबंधन का प्रशिक्षण
- सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी
- फ्री बीज, कीटनाशक और जैव उत्पाद पुरस्कार के रूप में
- टिश्यू कल्चर और स्मार्ट खेती की ट्रेनिंग
- सोलर पंप और कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी
- सरकार हर गोष्ठी में प्रतियोगिता के आधार पर किसानों को सब्जी बीज, जैव कीटनाशी और कवकनाशी भी प्रदान करेगी.
कैसे बदल रहा है कृषि का मॉडल?
बाराबंकी के किसानों के अनुसार नई तकनीकें न सिर्फ उत्पादन बढ़ाती हैं बल्कि लागत भी आधी कर देती हैं. वे बताते हैं कि टमाटर की खेती में 60 हजार की लागत पर 2 से 2.5 लाख रुपये तक लाभ संभव है. केला, मेंथा, तरबूज और आलू जैसी फसलें भी किसानों को अच्छा मुनाफा दे रही हैं पहले 20–25 हजार कमाने वाले किसान आज 1.5–2 लाख रुपये वार्षिक आय हासिल कर रहे हैं. सरकार का लक्ष्य है कि हर किसान ऐसी उन्नत तकनीकों को अपनाए और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करे.
योगी सरकार के किसान हितैषी कदम
- 25,423 करोड़ रुपये का किसान ऋण मोचन
- पीएम-किसान के तहत 90,669 करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में
- बीज, उर्वरक और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी
- फसलों के दाम का डीबीटी के जरिए त्वरित भुगतान
- बाजार और विपणन सुविधाओं में सुधार