किसानों को फसल बीमा की पाई-पाई मिलेगी, कमाई के लिए उन्नत बीजों के साथ खेती पैटर्न में बदलाव

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के आंखों में आंसू नहीं आने देगी. फसल बीमा योजना के तहत यह पक्का किया जाएगा कि किसान के नुकसान का पाई-पाई पैसा उनको मिल जाए. उन्होंने कहा कि किसान की कमाई बढ़ाने के लिए नए बीजों और खेती के पैटर्न में बदलाव की जरूरत है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 8 Nov, 2025 | 12:35 PM

बारिश-बाढ़ से खराब हुई फसलों के नुकसान की भरपाई केंद्र और राज्य सरकार करेगी. किसानों की बीमा राशि की पाई-पाई दी जाएगी. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महाराष्ट्र के किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज की भी जरूरत हुई, तो पूर्ति की जाएगी. किसानों की कमाई बढ़ाने और बेहतर क्वालिटी के साथ ज्यादा पैदावार के लिए जलवायु अनुकूल बीज तैयार किए जा रहे हैं. इसके साथ ही खेती के पैटर्न में बदलाव जरूरी है और किसानों को प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत महाराष्ट्र को अब तक 30 लाख मकान दिए जाएंगे.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र में ग्लोबल विकास ट्रस्ट (जीवीटी) कृषिकुल सिरसला जिला बीड में 20 हजार किसान भाई-बहनों के सम्मेलन को संबोधित किया. किसानों ने केंद्रीय मंत्री के साथ खेती से जुड़े अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि जीवीटी ने जो नए प्रयोग करके किसानों के जीवन और उनकी आय में परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त किया है, उसके बारे में जानकारी अन्य गांवों और लोगों तक भी पहुंचाई जानी चाहिए. प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में पहली बार ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के माध्यम से देशभर के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशालाओं की जगह व्यावाहारिक रूप से खेतों में जाकर किसानों से सीधे संवाद करते हुए शोध और आवश्यक जानकारी का लाभ किसानों तक पहुंचाया.

किसान के नुकसान का पाई-पाई पैसा देकर रहेंगे

किसानों तक अच्छी क्वालिटी वाले बीज सुनिश्चित करने के संकल्प के साथ काम किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री ने मौसम में अचानक आने वाले बदलावों और उनके प्रभाव की भी बात की. उन्होंने कहा कि इस वर्ष अत्यधिक बारिश के कारण फसलें बड़ी मात्रा में प्रभावित हुई हैं. फसलें बर्बाद होने से किसान का पूरा परिवार प्रभावित होता है, बच्चों का भविष्य प्रभावित होता है. लेकिन सरकार सचेत है. केंद्रीय मंत्री ने किसान भाई-बहनों को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर क्षतिग्रस्त इलाकों के किसानों की मदद करेगी और इस संकट से उन्हें बाहर निकालेगी.

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के आंखों में आंसू नहीं आने देगी. राज्य सरकार तात्कालिक रूप से किसानों को मुआवजा राशि देगी. इसके अलावा एनडीआरएफ फंड के तहत भी राज्य सरकार को केंद्र की तरफ से किसानों की मदद के लिए सहायता राशि दी जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि फसल बीमा योजना के अंतर्गत भी यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसान के नुकसान का पाई-पाई पैसा उनको मिल जाए. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो किसानों से भी चर्चा की जाएगी.

नकली खाद, बीज-कीटनाशक के खिलाफ बिल आएगा

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने जलवायु परिवर्तन के कारण असमय व अप्रत्याशित बारिश और सूखे की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि इससे निपटने के लिए बीजों की ऐसी नई किस्में विकसित करने की जरूरत है, जिसकी फसलें अधिक पानी में भी खराब ना है और सूखे की स्थिति का मुकाबला करने में भी सक्षम हो. उन्होंने उर्वरक सब्सिडी पर भी चर्चा की और कहा कि किसानों तक सब्सिडी का लाभ सीधे पहुंचे इसके लिए सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के खाते में हस्तांतरित करने का भी विचार किया जा रहा है.

केंद्रीय मंत्री ने गौ आधारित और प्राकृतिक खेती के महत्व को भी उल्लेखित किया और कहा कि अत्यधिक उर्वरक, कीटनाशक और रसायनिक खादों के प्रयोग से हमारी धरती नष्ट हो रही है. इसलिए भावी पीढ़ी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हमें जैविक खेती के बारे में सोचना होगा. केंद्रीय मंत्री ने नकली कीटनाशकों और उर्वरक बनाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले पर अत्यधित गंभीर है. आगामी बजट सत्र में नकली खाद, बीज और कीटनाशक बनाने वालों के खिलाफ बिल लाया जाएगा.

खेती के पैटर्न को बदलने की जरूरत

कृषि मंत्री ने किसानों से परंपरागत खेती के अलावा अन्य विकल्पों की ओर रुख करने का भी आह्वान किया. उन्होंने परंपरागत खेती के साथ-साथ फल, फूल, सब्जियों और कृषि वानिकी अपनाने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि खेती के पैटर्न को बदलने की जरूरत है. बिचौलियों की भूमिका खत्म करने पर जोर देते हुए कहा कि सरकार की कोशिश है कि किसानों को उनके उत्पादन का उचित दाम मिले. हमारी कोशिश है कि किसानों को मिलने वाले दाम और उपभोक्ता को जो उत्पादन की कीमत देनी पड़ रही है, उन दोनों की कीमत में अंतर कम हो. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए दो उपाय अत्यधिक फायदेमंद साबित हो सकते हैं- पहला कि पूरा गांव कल्स्टर के रूप में परिवर्तित होकर काम करें, व्यापारी सीधे यहां से खरीद कर लें और दूसरा गांव स्तर पर ही प्रोसेसिंग का काम किया जाए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह खाद्य प्रसंस्करण के लिए केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री चिराग पासवान के साथ मिलकर काम करेंगे.

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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने 20 हजार किसानों से संवाद किया.

किसानों के हितों के लिए शुरू की गई बाजार हस्तांतरण योजना (एमआईएस) की भी चर्चा की और बताया कि इस योजना के माध्यम से किसानों को दूसरे राज्यों में जहां उन्हें अपने उत्पाद की अच्छी कीमत मिल सके वहां उत्पाद बेचने में मदद मिलेगी. इस योजना के तहत परिवहन लागत का खर्च सरकार उठाएगी. एकीकृत खेती को लेकर भी किसानों से चर्चा की उन्होंने कहा कि खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन, पशुपालन जैसे विकल्प भी अपनाने होंगे. जोत के आकार छोटे होने के कारण इस तरह के विकल्प आमदनी में इजाफा करने में मददगार सिद्ध हो सकते हैं.

कोई भाई-बहन अब कच्ची झोपड़ी में नहीं रहेगा

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का भी जिक्र किया और कहा कि अब-तक 30 लाख मकान महाराष्ट्र को दिए जा चुके हैं. कहा कि नए सर्वे के बाद और जो लोग भी मकान के लिए पात्र होंगे उनके मकानों के लिए भी केंद्र सरकार द्वारा राशि जारी की जाएगी. कोई भाई-बहन अब कच्ची झोपड़ी में नहीं रहेगा, सबको पक्के मकान मिले यही सरकार का संकल्प है.

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Published: 8 Nov, 2025 | 12:24 PM

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