रहस्यों से भरा है दुनिया का सबसे पुराना पेड़, जो हजारों सालों से है जिंदा

यह पेड़ उस समय से जिंदा है जब प्राचीन मिस्रियों ने गिजा पिरामिड का निर्माण किया था. इस अद्भुत पेड़ की उम्र आपको हैरान कर सकती है और यह सोचने पर मजबूर भी, कि इसने हजारों सालों तक कैसे खुद को बचाए रखा.

Kisan India
Noida | Published: 27 Mar, 2025 | 03:18 PM

जब भी हम दुनिया के सबसे पुराने पेड़ के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले कैलिफोर्निया के व्हाइट माउंटेंस में स्थित ‘मेथुसेलाह’ का नाम सामने आता है. यह पेड़ लगभग 4853 साल पुराना है. सोचिए, यह पेड़ उस समय से जिंदा है जब प्राचीन मिस्रियों ने गिजा पिरामिड का निर्माण किया था. इस अद्भुत पेड़ की उम्र आपको हैरान कर सकती है और यह सोचने पर मजबूर भी, कि इसने हजारों सालों तक कैसे खुद को बचाए रखा, जबकि इसके आसपास की अधिकतर चीजें समय के साथ खत्म हो गईं. तो आइए जानते हैं इस अनोखे पेड़ के बारे में हर एक जरूरी बात.

मेथुसेलाह: एक अनोखा पेड़

मेथुसेलाह एक ब्रिसलकोन पाइंस (Bristlecone Pine) पेड़ है, जो कैलिफोर्निया के नेवादा और यूटाह के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में उगता है. ये पेड़ ऐसी जगहों पर पनपते हैं, जहां हवा तेज होती है, तापमान बहुत ठंडा होता है. इस इलाके की मिट्टी भी बहुत सूखी होती है. इस पेड़ की खास बात है कि इसकी जड़ें केवल उन शाखाओं को पोषित करती हैं जो ऊपर की ओर बढ़ रही हों. यही कारण है कि यह पेड़ तूफानों में गिरने से बचता है और लंबे समय तक जीवित रहता है.

अलरेस मिलेनारियो भी दौड़ में शामिल

दुनिया में मेथुसेलाह को सबसे पुराना पेड़ माना जाता है. लेकिन हाल ही में चिली में स्थित एक और पेड़ ने इस रेस में शामिल हो गया है. इसे अलरेस मिलेनारियो कहते हैं, जो पैटागोनियन साइप्रस (Fitzroya cupressoides) प्रजाति का पेड़ है. इसके बारे में कहा जाता है कि इसकी उम्र मेथुसेलाह से लगभग 500 साल ज्यादा हो सकती है. हालांकि, इसे पारंपरिक तरीके से नहीं बल्कि विशेष कंप्यूटर मॉडलिंग और रिंग काउंटिंग के जरिए नापा जा रहा है.

पेड़ों की रिंग्स

मेथुसेलाह और अलरेस मिलेनारियो जैसे पुराने पेड़ हर साल बढ़ने वाले रिंग्स के जरिए अपनी उम्र की जानकारी देते हैं. जब यह पेड़ हर साल बढ़ते हैं, तो उनकी रिंग्स में उस साल का तापमान, वर्षा और जलवायु परिवर्तन भी दर्ज होते हैं. वैज्ञानिक इन रिंग्स का अध्ययन करके प्राचीन जलवायु के बारे में जानकारी लेते हैं.

इसकी मदद से पेड़ों को किसी भी छोटे बदलाव का पता जल्दी चल जाता है, क्योंकि ये पेड़ जलवायु परिवर्तन के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं. इसलिए, इन पेड़ों के रिंग्स हमें यह जानने में मदद करते हैं कि पृथ्वी पर मौसम और जलवायु में क्या बदलाव हुए हैं.

पर्यावरण पर इन पेड़ों का असर

मेथुसेलाह और अलरेस मिलेनारियो जैसे पेड़ सिर्फ अपनी लंबी उम्र के लिए ही नहीं जाने जाते हैं, बल्कि ये पर्यावरण को बचाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं. पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को सोखते हैं और उसे अपनी जड़ों और मिट्टी में जमा करते हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में मदद मिलती है.

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