उत्तर प्रदेश में उद्यान विभाग के 50 साल पूरे होने के मौके पर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बीते कई सालों में उद्यान विभाग ने औद्यानिक खेती के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास किया है और सफलता भी हासिल की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों ने औद्यानिक खेती के माध्यम से उत्तर प्रदेश का सम्मान दुनिया में बढ़ाया है. परंपरागत खेती के साथ ही नकदी या औद्यानिक फसलों का उत्पादन कर किसान अच्छी आमदनी कर रहे हैं. साथ ही किसानों को औद्यानिक खेती के लिए सब्सिडी भी दी जा रहा है.
दुनिया भर में होगी यूपी की पहचान
उत्तर प्रदेश सरकार में उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने जेवर एयरपोर्ट के पास बने इन्टीग्रेटेड पार्क का जिक्र करते हुए कहा कि इन्टीग्रेटेड पार्क के बन जाने के यूपी में होने वाला उत्पादन अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचेगा जिसके कारण किसानों को उनके उत्पादों की सही कीमत मिल सकेगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की कोशिशों से आगरा में पेरू की शाखा अन्तर्राष्ट्रीय आलू अनुसंधान की स्थापना से यूपी ही नहीं बल्कि साउथ एशिया के भी कई देशों को बेहतर क्वालिटी वाले आलू के बीज मिलेंगे. साथ ही इस आलू अनुसंधान केंद्र के बनने से आगरा को आलू केन्द्र से भी पहचाना जाएगा.
बिना भेद-भाव के काम कर रही सरकार
उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि केन्द्र और राज्य दोनों ही सरकारें विकास और विरासत के क्षेत्र में काम कर रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बिना किसी भेद-भाव के यह सुनिश्चित करती हैं कि हर वर्ग के किसान सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाकर अच्छी क्वालिटी और वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल कर औद्यानिक खेती करें, ताकि उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज और पौधे उपलब्ध करा रही है. उन्होंने प्रदेश के किसानों को सलाह दी कि वे बागवानी, शहद, शाक-भाजी, मसाला, फल, पुष्प, औषधीय आदि फसलों को खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.
संरक्षित खेती पर जोर
उद्यान मंत्री ने औद्यानिक खेती और संरक्षित खेती को अपनाने और उससे होने वाले उत्पादन के निर्यात पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि यूपी की औद्यानिक उपज की मांग आज दुनिया भर के बाजारों में है. उत्तर प्रदेश का रतौल, दशहरी आदि आम और उनके व्यंजनों को आज विदेशों में पसंद किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में सीएम योगी की सरकार फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 35 फीसदी की सब्सिडी भी दे रही है. उन्होंन किसानों से आग्रह किया कि वे सब्सिडी का लाभ उठाकर फूड प्रोसेसिंग इकाइकाईयों की स्थापना कर अपनी आमदनी में बढ़ोतरी करें.