अगर आप कम समय में ज्यादा कमाई वाली खेती की तलाश कर रहे हैं, तो लाल रंग की एक ऐसी सब्जी है जिसकी खेती आपके लिए फायदों का खजाना बन सकती है. हम बात कर रहे हैं लाल बरबटी की, जिसे कुछ जगहों पर लोबिया या चवली के नाम से भी जाना जाता है. यह एक ऐसी सब्जी है जिसकी डिमांड बाजार में हर मौसम में बनी रहती है और इसे सब्जी के रूप में, साथ ही सूखे दानों को दाल के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है.
लाल बरबटी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी खेती पर लागत बहुत कम आती है और मुनाफा बेहद अच्छा होता है. यही वजह है कि देश के कई हिस्सों में किसान अब इसकी खेती को प्राथमिकता देने लगे हैं.
लाल बरबटी की खेती कैसे करें?
लाल बरबटी की खेती करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है. इसे भारत के लगभग हर हिस्से में उगाया जा सकता है. खेती की शुरुआत के लिए सबसे पहले जमीन की तैयारी करनी होती है. इसके लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है, जिसमें पानी का निकास अच्छा हो. खेत की गहरी जुताई करें और इसमें गोबर की सड़ी हुई खाद मिलाएं, जिससे मिट्टी उपजाऊ बन जाए.
बीज की बुवाई आमतौर पर मार्च से जून या फिर जुलाई से सितंबर के बीच की जाती है. इसकी बुवाई आप 12.5 से 20 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की दर से कर सकते हैं. बीज को बोने से पहले कुछ घंटों तक फफूंदनाशक दवा में भिगोना भी फायदेमंद होता है, जिससे बीज सड़ने की आशंका कम हो जाती है.
बीज बोने के बाद कुछ ही दिनों में अंकुरण शुरू हो जाता है और करीब 70 से 90 दिनों में फसल पूरी तरह तैयार हो जाती है. इस दौरान समय-समय पर खरपतवारों को हटाना, सिंचाई करना और यदि जरूरत हो तो जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करना जरूरी होता है. इससे पौधों की गुणवत्ता और पैदावार दोनों बेहतर होती है.
कितनी होगी कमाई?
अब बात करते हैं कमाई की, जो इस फसल की सबसे बड़ी खासियत है. अगर आप एक एकड़ जमीन में लाल बरबटी की खेती करते हैं तो आपको 200 से 250 क्विंटल तक उपज मिल सकती है. बाजार में इसकी मांग बहुत ज्यादा है और सही समय पर बेचने पर किसान 4 से 5 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
कई जगहों पर इसके बीज भी अच्छे दामों में बिकते हैं और इसकी हरी फलियां तो बाजार में हमेशा खरीदारों की पसंद रहती हैं. यही वजह है कि यह फसल न सिर्फ सीजनल मुनाफा देती है, बल्कि इससे बीज उत्पादन और प्रोसेसिंग यूनिट्स से भी अतिरिक्त आमदनी की संभावनाएं खुलती हैं.
क्यों करें लाल बरबटी की खेती?
- यह फसल जल्दी तैयार हो जाती है.
- लागत कम और मुनाफा ज्यादा है.
- मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखती है क्योंकि यह एक लेग्यूम फसल है.
- हरी सब्जी के साथ-साथ सूखे बीज के रूप में भी बिकती है.
अगर आप पारंपरिक फसलों से हटकर कुछ नया और लाभदायक करना चाहते हैं तो लाल बरबटी की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. थोड़ी सी मेहनत और सही तकनीक से आप महीने-दो महीने में लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं.