हाथी घास की खेती से होगी तगड़ी कमाई, जानिए इसके फायदे

इस घास को एक बार लगा देने के बाद यह 5 साल तक लगातार चारा देती है, जिससे किसानों को एक निरंतर आय मिलती रहती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 26 Apr, 2025 | 06:12 PM

आपने सुना है कि घास से भी किसान तगड़ी कमाई कर सकते हैं? जी हां, यह सच है! अब किसान अपनी मेहनत से सिर्फ फसल ही नहीं, बल्कि घास की खेती से भी शानदार मुनाफा कमा सकते हैं. आइए जानें एक ऐसी घास के बारे में, जो न सिर्फ आसानी से उगाई जा सकती है, बल्कि किसानों को मुनाफा भी दे सकती है.

क्या है सुपर नेपियर घास?

सुपर नेपियर घास, जिसे हाथी घास भी कहा जाता है, गन्ने की तरह दिखने वाली एक खास किस्म की घास है. यह घास थाईलैंड में उगाई जाती थी, लेकिन अब भारत में भी किसानों के बीच अपनी जगह बना चुकी है. इसकी सबसे खास बात यह है कि यह घास कम पानी में भी बड़ी तेजी से उगती है और 50 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. एक बार में यह घास 15 फीट तक बढ़ सकती है.

हाथी घास उगाने के फायदे-

कम लागत, ज्यादा मुनाफा

नेपियर या हाथी घास को उगाने की लागत बहुत कम है, और यह किसानों को अच्छा मुनाफा देती है. इसे खासतौर पर पशुओं के चारे के रूप में बेचा जाता है, जो अच्छे दामों पर बिकता है.

पोषक तत्वों से भरपूर

इस घास में प्रोटीन और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है. यह सामान्य हरे चारे से कहीं बेहतर है. इसमें 18-20% तक प्रोटीन और 35% क्रूड फाइबर होता है, जो दुधारू पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद है.

सालों तक उत्पादन

हाथी घास को एक बार लगा देने के बाद यह 5 साल तक लगातार चारा देती है, जिससे किसानों को एक निरंतर आय मिलती रहती है.

सभी मौसमों में उगाई जा सकती है

हाथी घास की खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है, चाहे गर्मी हो, सर्दी हो या बारिश का मौसम. यह घास बंजर जमीन पर भी उगाई जा सकती है, जो किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है.

कैसे उगाएं नेपियर घास?

हाथी घास को उगाने के लिए इसके डंठल का इस्तेमाल किया जाता है. इसे खेत में डेढ़ से दो फीट की दूरी पर रोपना होता है. एक बीघा में करीब 4000 डंठल की आवश्यकता होती है. जुलाई से अक्टूबर और फरवरी से मार्च तक इसके डंठल बोने का समय होता है.

इन राज्यों में होती है खेती

हाथी घास की खेती भारत के कई राज्यों में की जा रही है, जिनमें राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, केरल, मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, और तमिलनाडु शामिल हैं.

क्या खास है इस घास में?

कम सिंचाई: यह घास कम पानी में भी उग सकती है.

पोषक तत्व: इसमें पशुओं के लिए जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो उनके स्वास्थ्य और दूध उत्पादन को बढ़ाते हैं.

आर्थिक रूप से फायदेमंद: किसान इसका हरा चारा बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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Published: 26 Apr, 2025 | 06:06 PM

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