उत्तर प्रदेश कृषि विभाग मना रहा 150वीं वर्षगांठ, प्राकृतिक खेती पर दिया जा रहा जोर

खरीफ सीजन 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि संबंधी सभी विभागीय अध्यक्षों को जरूरी दिशा-निर्दश दिए.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 26 Apr, 2025 | 02:37 PM

उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग की स्थापना की 150वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. कृषि विभाग इसे बीज वर्ष के रूप में मना रहा है. इसी कड़ी में 25 अप्रैल को लखनऊ में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्री-खरीफ 2025 की कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर के मंडलीय और जनपदीय कृषि अधिकारियों ने खरीफ सीजन 2025 को लेकर अपनी -अपनी रणनीतियां पेश की. खरीफ सीजन 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने कृषि संबंधी सभी विभागीय अध्यक्षों को जरूरी दिशा-निर्दश दिए.

उत्पादकता में वृद्धि की रणनीति

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के कृषि मंत्री ने सभी विभागीय अधिकारियों को नियमित रूप से जांच के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कृषि मंत्री ने प्रदेश में फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करने की रणनीति तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं हर खेत की मिट्टी की सही-सही जांच कराई जाए और मिट्टी के अनुसार उर्वरकों का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि 2 मई को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य स्तरीय खरीफ गोष्ठी का आयोजन किया जायेगा.

सोशल मीडिया पेज तैयार करने पर जोर

प्रदेश कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सभी विभागों को अपने सोशल मीडिया पेज बनाने का निर्देश दिया है. ताकि इन सोशल मीडिया पेजों के माध्यम से कृषि से जुड़ी सारी जानकारी किसानों तक पहुंचाई जा सके. सरकार द्वारा चलाई किसानों और खेती के लिए चलाई जा रही योजनाओं और अलग-अलग कृषि तकनीकों को किसानों तक पहुंचाया जा सके. ताकि इसकी मदद से किसान जागरूक हो सकेंगे और बेहतर तरह से खेती कर सकेंगे.

बीज वर्ष के तौर पर मना रहे 150वीं वर्षगांठ

उत्तर प्रदेश का कृषि विभाग अपनी स्थापना के 150वें वर्ष को बीज वर्ष के रूप में मना रहा है. इसके तहत प्रदेश के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है. जिसकी मदद से फसलों के बेहतर उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाते हुए प्रदेश में कृषि विकास की दर को करीब 20 प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. कृषि मंत्री ने धान व गेहूं के रकबे को कम कर दलहनी/तिलहनी/मोटे अनाज का रकबा बढ़ाने का प्रयास करने के निर्देश दिए हैं.

प्राकृतिक खेती को दिया जा रहा बढ़ावा

प्रदेश में किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. किसानों को प्राकृतिक खेती से जुड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके साथ ही प्रदेश के किसानों की आय में वृद्धि हो और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. इसके लिए सरकार गन्ना और गेहूं की खेती के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास कर रही है.

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