Cough Syrup Deaths: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में पिछले 20 दिनों में 9 मासूम बच्चों की मौत ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया है. शुरुआती जांच में पता चला है कि इन मौतों का मुख्य कारण दूषित कफ सिरप था. मेडिकल रिपोर्ट में सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल (DEG) पाए जाने की पुष्टि हुई है. यह रासायनिक तत्व बच्चों की किडनी के लिए बेहद खतरनाक है. प्रशासन ने तुरंत नेक्सट्रो-डीएस और कोल्ड्रिफ सिरप पर बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है, लेकिन सवाल यह है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी.
मौतों का दर्द और भर्ती बच्चे
छिंदवाड़ा के परासिया क्षेत्र में 4 सितंबर से अब तक के बीच 9 बच्चों की मौत हुई. इस समय कई अन्य बच्चे अस्पतालों में भर्ती हैं. इनमें से कुछ बच्चों का इलाज नागपुर के निजी अस्पतालों में चल रहा है. वहीं राजस्थान में भी एक बच्चे की मौत और कई बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं. स्थानीय अधिकारी बताते हैं कि बच्चों की किडनी बायोप्सी रिपोर्ट में टॉक्सिन मीडिएटेड इंजरी की पुष्टि हुई है, जो दूषित कफ सिरप के सेवन से हुई.
दूषित कफ सिरप का खुलासा
छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों ने बताया कि बच्चों के सैंपल की जांच में सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल मिलने की पुष्टि हुई. यह तत्व किडनी को नुकसान पहुंचाने के लिए जाना जाता है. सिरप का यह बैच तमिलनाडु की एक फार्मा कंपनी से आया था. बच्चों को दिए जाने के बाद उनकी किडनी फेल हो गई और कुछ की मौत भी हो गई.
कौन से लक्षण दिख रहे है
20 सितंबर से परासिया, उमरेठ, जाटाछापर और बड़कुही इलाके में बच्चों में अचानक सर्दी-खांसी और बुखार के लक्षण दिखने लगे. माता-पिता ने स्थानीय डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर से मिलने वाली कफ सिरप का इस्तेमाल किया, लेकिन इसके सेवन से बच्चों की हालत तेजी से खराब होने लगी. कुछ ही दिनों में बच्चों की किडनी प्रभावित होने लगी और पेशाब बंद हो गया. इसके बाद उन्हें तुरंत गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
प्रशासन की कार्रवाई और जांच
छिंदवाड़ा प्रशासन ने दो कफ सिरप – कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस की बिक्री पर तुरंत रोक लगा दी है. यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि जांच में पता चला कि इन सिरप में मौजूद रसायन बच्चों की किडनी (गुर्दे) को नुकसान पहुंचा सकते हैं, वहीं भोपाल और अन्य जिलों में भी अधिकारियों ने सावधानी के तौर पर बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी है. डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन सिरप को बच्चों को न दें. इसके अलावा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने दवा और पानी के नमूने इकट्ठा किए हैं ताकि पूरी जांच की जा सके.
भविष्य के लिए चेतावनी
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि माता-पिता बच्चों को किसी भी अज्ञात या संदिग्ध सिरप का सेवन न कराएं. बच्चों को सर्दी या खांसी होने पर केवल विश्वसनीय डॉक्टर की सलाह से ही दवा दी जाए. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वे जांच पूरी कर दोषियों को सजा दिलाएं और भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के उपाय करें.