Bajra Benefits : सोचिए अगर आपके पशु कम चारा खाकर भी ज्यादा दूध देने लगें और सेहत भी पहले से बेहतर हो जाए तो इससे अच्छा क्या हो सकता है. लंबे समय से गांवों में बाजरा इंसानों के साथ-साथ पशुओं के आहार में भी इस्तेमाल होता रहा है. आज जब महंगे दाने और मिलावटी फीड से पशुपालक परेशान हैं, तब बाजरा फिर से चर्चा में है. लेकिन सवाल यही है कि क्या हर पशु को बाजरा खिलाना सही है? और अगर हां, तो कितनी मात्रा में और किस तरीके से? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं.
किन पशुओं के लिए सही है बाजरा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाजरा मोटे अनाज की श्रेणी में आता है और इसे वही पशु अच्छे से पचा पाते हैं जिनका पाचन तंत्र मजबूत होता है. गाय, भैंस जैसे बड़े और स्वस्थ पशुओं को बाजरा दिया जा सकता है. लेकिन जिन पशुओं का पेट कमजोर रहता है या बार-बार अपच की समस्या होती है, उन्हें बाजरा कम मात्रा में ही देना चाहिए. छोटे पशुओं को भी बाजरा दिया जा सकता है, लेकिन पूरी योजना और संतुलन के साथ.
बाजरा खिलाने से पशुओं को क्या-क्या फायदे मिलते हैं
बाजरा पोषण का अच्छा स्रोत माना जाता है. इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटेशियम जैसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाजरा खिलाने से पशुओं का पाचन तंत्र मजबूत होता है और लीवर से जुड़ी कई समस्याओं में राहत मिलती है. ब्याने के बाद कमजोर हो चुकी मादा पशुओं के लिए बाजरा काफी फायदेमंद माना जाता है. दूधारू पशुओं को सीमित मात्रा में बाजरा देने से दूध उत्पादन में सुधार देखा गया है. कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि बाजरा खिलाने से पशु समय पर हीट में आ जाते हैं.
बाजरा खिलाने का सही तरीका क्या है
पशुओं को बाजरा कभी भी कच्चा नहीं खिलाना चाहिए. इसे पकाकर या दलिया बनाकर देना ज्यादा सुरक्षित होता है. बाजरे के आटे को पानी में घोलकर या लोई बनाकर भी खिलाया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बड़े पशुओं को रोजाना 1 से 2 किलो तक बाजरा दिया जा सकता है. बाजरे के साथ थोड़ा नमक मिलाना जरूरी है, ताकि पोषण संतुलन बना रहे. अगर बाजरे को मेथी के साथ अंकुरित करके 4-5 दिन तक खिलाया जाए, तो दूध उत्पादन में और बेहतर परिणाम मिल सकते हैं.
ज्यादा बाजरा खिलाने से हो सकता है नुकसान
जहां बाजरा फायदेमंद है, वहीं इसका ज्यादा सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि लंबे समय तक लगातार ज्यादा बाजरा खिलाने से पशुओं के शरीर में आयरन की कमी हो सकती है, जिससे गांठें बनने का खतरा रहता है.
इसके अलावा जरूरत से ज्यादा बाजरा देने पर आफरा यानी पेट फूलने की समस्या भी हो सकती है, जो पशु के लिए गंभीर बन सकती है. इसलिए बाजरे को कभी भी अकेला आहार न बनाएं, बल्कि सूखे चारे और हरे चारे के साथ संतुलन बनाकर ही दें.