पशुपालकों के लिए बड़ी राहत, दूधारू पशुओं की मौत पर सरकार देगी 60,000 रुपये

दुधारू मवेशियों की मौत पर होने वाले बड़े आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने खास बीमा योजना शुरू की है. कम प्रीमियम में ज्यादा सुरक्षा मिलने से पशुपालकों को राहत मिलेगी. इस योजना का मकसद ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित आय देना और पशुपालन को बढ़ावा देना है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 21 Nov, 2025 | 01:30 PM

Milch Animal Insurance : पशुपालकों के लिए यह खबर किसी राहत की सांस से कम नहीं है. गांवों में दूध देने वाले मवेशी सिर्फ जानवर नहीं, बल्कि परिवार की मजबूती और रोजमर्रा की कमाई का आधार होते हैं. लेकिन कई बार बीमारी या दुर्घटना से अगर मवेशी की मौत हो जाए तो पूरा घर आर्थिक संकट में आ जाता है. इसी दुख और नुकसान को कम करने के लिए सरकार अब एक ऐसी योजना लेकर आई है, जो पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा देगी और उनकी आमदनी को सुरक्षित बनाएगी. नई बीमा योजना के तहत दुधारू मवेशी की मौत पर पशुपालकों को 60,000 रुपये तक की मदद मिलेगी.

कम खर्च में मिलेगा पूरा बीमा, सरकार उठाएगी 75 फीसदी प्रीमियम

बिहार सरकार की इस नई बीमा योजना का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसमें पशुपालकों  को जेब से कम पैसा देना पड़ेगा. बीमा का कुल प्रीमियम 3.5 फीसदी की दर से तय किया गया है, जो प्रति मवेशी लगभग 2100 रुपये बैठता है. इसमें से 1575 रुपये सरकार देगी और पशुपालक को सिर्फ 525 रुपये का भुगतान करना होगा. यानी थोड़े से खर्च में पूरे साल का बीमा कवर मिल जाएगा. इससे खासतौर पर उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी जिनकी पूरी आय दूध उत्पादन और पशुपालन पर निर्भर रहती है. नई योजना पुराने आर्थिक दबाव को काफी हद तक कम करने की क्षमता रखती है.

अचानक बीमारी या हादसे से होने वाले बड़े नुकसान से मिलेगी सुरक्षा

ग्रामीण इलाकों में लंपी त्वचा रोग , एचएस-बीक्यू और अन्य संक्रामक बीमारियां अक्सर मवेशियों को प्रभावित करती हैं. कई बार बीमारी इतनी तेज फैलती है कि किसानों को लाखों का नुकसान हो जाता है. खासकर दुधारू गाय  और भैंस की मौत से परिवार की पूरी कमाई रुक जाती है. नई बीमा योजना इसी चिंता को दूर करने के लिए शुरू की गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीमा कवर मिलने से पशुपालकों को कठिन समय में आर्थिक सहारा मिलेगा. मवेशी की मौत की स्थिति में 60,000 रुपये तक की राशि जल्द जारी की जाएगी ताकि परिवार पर अचानक आने वाला बोझ कम हो सके. यह राशि नए मवेशी खरीदने में भी बड़ी मदद साबित होगी.

हर मवेशी पर लगेगा खास ईयर टैग, रखनी होगी सही देखभाल

बीमा के लिए मवेशियों  की पहचान सुनिश्चित करने के लिए हर पशु पर एक विशेष ईयर टैग लगाया जाएगा. यह टैग एक तरह का डेटा रिकॉर्ड होता है जिसमें मवेशी की पूरी जानकारी दर्ज रहती है. इस टैग की सुरक्षा और रखरखाव की जिम्मेदारी पशुपालक की होगी. अगर टैग खराब हो जाए या खो जाए तो बीमा क्लेम में परेशानी आ सकती है, इसलिए इसकी ठीक से देखभाल जरूरी है. यह पॉलिसी एक साल के लिए लागू होगी और हर साल इसका नवीनीकरण करवाना होगा.

स्वस्थ मवेशियों को ही मिलेगा बीमा, स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जरूरी

बिहार सरकार की ओर से जारी नियमों के अनुसार, बीमा सिर्फ उन्हीं मवेशियों का किया जाएगा जो पूरी तरह स्वस्थ हों. इसके लिए पशु चिकित्सक  द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य है. यह प्रक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कई बार बीमार मवेशी का बीमा करवाने के बाद उसकी मौत हो जाती है और फिर विवाद की स्थिति बनती है. स्वास्थ्य प्रमाणपत्र  इस समस्या को रोकता है और योजना को पारदर्शी बनाता है. योजना में दूध उत्पादक सहयोग समितियों से जुड़े परिवारों को प्राथमिकता देने की बात भी कही गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ उठा सकें.

पशुपालकों से अपील-इस योजना का लाभ जरूर उठाएं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विभाग की ओर से पशुपालकों से यह अपील की गई है कि वे बीमा योजना का लाभ जरूर उठाएं. गांवों में बीमारी फैलने के दौरान मवेशियों की मौत आम बात है और इससे परिवार कई बार कर्ज में डूब जाते हैं. ऐसे समय में यह बीमा योजना एक मजबूत सुरक्षा कवच की तरह काम करेगी. इससे न सिर्फ पशुधन सुरक्षित होगा बल्कि पशुपालकों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से पशुपालन  को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण परिवारों की आमदनी और स्थिर हो सकेगी. नई बीमा योजना उन लोगों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है जो अपनी आजीविका का एक बड़ा हिस्सा दुधारू मवेशियों पर निर्भर करते हैं. थोड़े से खर्च में बड़ा बीमा कवर मिलने से गांवों के पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और कठिन समय में उन्हें मजबूती से खड़े होने की ताकत भी मिलेगी.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.