Fish Farming: अब कम जमीन भी बनेगी कमाई का जरिया, पॉन्ड लाइनर बढ़ा रहा मछली पालकों का उत्पादन

Fish Farming: खेती की आमदनी बढ़ाने के लिए मछली पालन किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. सरकार की योजनाओं के तहत तालाब निर्माण, मछली पालन और आधुनिक तकनीक पर अनुदान मिल रहा है. कम जमीन वाले किसान भी इन योजनाओं से जुड़कर अतिरिक्त आमदनी का मजबूत जरिया बना सकते हैं.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 21 Dec, 2025 | 07:44 PM
Instagram

Fish Farming Scheme : खेती से होने वाली आमदनी आज के समय में कई बार खर्च भी नहीं निकाल पाती. ऐसे में किसान ऐसे विकल्प तलाश रहे हैं, जिनसे कम जमीन में भी अच्छी कमाई हो सके. मछली पालन अब ऐसा ही एक भरोसेमंद जरिया बनता जा रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार की मछली पालन से जुड़ी योजनाएं किसानों को खेती के साथ-साथ अतिरिक्त आय का मजबूत साधन दे रही हैं. खास बात यह है कि इन योजनाओं में अनुदान की सुविधा भी दी जा रही है, जिससे लागत काफी कम हो जाती है.

खेती के साथ मछली पालन का मौका

इन योजनाओं का मकसद किसानों को खेती के साथ मछली पालन  के लिए प्रोत्साहित करना है. इसके तहत तालाब निर्माण, मछली पालन, मछली बीज उत्पादन और आधुनिक तकनीक जैसे पॉन्ड लाइनर की सुविधा दी जा रही है. किसान अपनी जमीन पर तालाब बनाकर मछली पालन कर सकते हैं और सालभर आमदनी का जरिया बना सकते हैं. यह मॉडल खासतौर पर उन किसानों के लिए फायदेमंद  है, जिनके पास सीमित जमीन है लेकिन वे कुछ नया करना चाहते हैं.

कम या ज्यादा जमीन, दोनों के लिए विकल्प

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किसान अपनी जमीन के अनुसार तालाब का आकार  तय कर सकते हैं. जिनके पास ज्यादा जमीन है, वे बड़े स्तर पर तालाब बनाकर मछली पालन कर सकते हैं. वहीं कम जमीन वाले किसानों के लिए भी छोटे तालाब की सुविधा है. इसके अलावा, जो किसान सीधे मछली पालन नहीं करना चाहते, वे मछली बीज उत्पादन का काम भी शुरू कर सकते हैं. इसके लिए नर्सरी तालाब बनाया जाता है, जिसमें कम जगह में ही काम शुरू हो जाता है. इन योजनाओं में वर्ग के अनुसार 40 से 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ कम पड़ता है.

पॉन्ड लाइनर से बढ़ेगा उत्पादन

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादा उत्पादन और बेहतर मुनाफे के लिए पॉन्ड लाइनर योजना भी चलाई जा रही है. इसमें तालाब को पॉलीथिन लाइनर से कवर किया जाता है, जिससे पानी का रिसाव कम होता है और मछलियों की ग्रोथ बेहतर होती है. इस व्यवस्था में तालाब के साथ स्टोर रूम और पंप हाउस की सुविधा भी मिलती है. अनुदान मिलने से इस आधुनिक तकनीक को अपनाना किसानों के लिए आसान हो गया है.

छह महीने में मुनाफा देने वाली मछलियां

मछली पालन के लिए कुछ प्रजातियां किसानों के लिए ज्यादा फायदेमंद  मानी जाती हैं. इनमें ऐसी मछलियां भी शामिल हैं, जो सिर्फ छह महीने में बिक्री के लिए तैयार हो जाती हैं. कम समय में इनका वजन अच्छा हो जाता है और किसान को जल्दी मुनाफा मिलने लगता है. वहीं कुछ मछलियों को तैयार होने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है, लेकिन बाजार में उनकी मांग हमेशा बनी रहती है. ग्रामीण इलाकों  में इन योजनाओं से न सिर्फ किसानों की आय बढ़ रही है, बल्कि रोजगार के नए मौके भी पैदा हो रहे हैं. यही वजह है कि मछली पालन अब किसानों की किस्मत बदलने का मजबूत जरिया बनता जा रहा है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 21 Dec, 2025 | 07:44 PM
Side Banner

आम धारणा के अनुसार तरबूज की उत्पत्ति कहां हुई?