केंद्रीय कृषि मंत्री ने खरीफ सीजन 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश और गुजरात में दलहन और तिलहन फसलों की खरीद को मंजूरी दी है. इसके तहत उड़द, तूर, मूंग, तिल, मूंगफली और सोयाबीन की 100 फीसदी खरीद की जाएगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश में लगभग 350 और गुजरात में करीब 400 केंद्रों पर यह व्यवस्था लागू होगी. किसानों को सीधे लाभ मिले इसके लिए खरीद प्रक्रिया पारदर्शी और डिजिटल तरीके से पूरी होगी.
उड़द और तूर की 100 फीसदी खरीद
केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश में उड़द की 2,27,860 मीट्रिक टन और तूर की 1,13,780 मीट्रिक टन खरीद की पूरी मंजूरी दी. उड़द का मूल्य 1,777.30 करोड़ रुपये और तूर का 910.24 करोड़ रुपये होगा. इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और बिचौलियों का कोई फायदा नहीं होगा.
अन्य प्रमुख फसलों की खरीद
उत्तर प्रदेश में मूंग की 1,983 मीट्रिक टन, तिल की 30,410 मीट्रिक टन और मूंगफली की 99,438 मीट्रिक टन खरीद की अनुमति दी गई है. इन फसलों का कुल मूल्य 1,038.02 करोड़ रुपये होगा. वहीं गुजरात में उड़द की 47,780 मीट्रिक टन, सोयाबीन की 1,09,905 मीट्रिक टन और मूंगफली की 12,62,163 मीट्रिक टन खरीद के लिए स्वीकृति दी गई.
750 से ज्यादा खरीद केंद्र बनेंगे
केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि किसानों को सीधे लाभ मिल सके, इसके लिए सभी खरीद केंद्रों पर आधार आधारित बायोमेट्रिक और चेहरे प्रमाणीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही पीओएस मशीनें भी लगाई जाएंगी. उत्तर प्रदेश में लगभग 350 और गुजरात में करीब 400 केंद्रों पर यह व्यवस्था लागू होगी. सभी खरीद का रिकार्ड डिजिटल पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजा जाएगा. यह कदम किसानों को बिचौलियों से बचाने, फसल की सही कीमत दिलाने और कृषि क्षेत्र में डिजिटल प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है.
रजिस्टर्ड किसानों को ही मिलेगा फायदा
नेफेड और एनसीसीएफ को पत्र भेजकर किसानों का पूर्व-पंजीकरण सुनिश्चित किया गया है. केवल पंजीकृत किसान ही MSP पर अपनी फसल बेच पाएंगे. यह कदम बिचौलियों को रोकने और वास्तविक किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खरीद प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ होगी. डिजिटल और ई-समृद्धि पोर्टल के जरिए सभी लेन-देन रिकॉर्ड होंगे. इससे हर किसान को सरकारी दर पर फसल बेचने और समय पर भुगतान मिलने का अधिकार मिलेगा.
उत्पादन अनुमानों में संशोधन की संभावना
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान आने के बाद खरीद की मात्रा में आवश्यकतानुसार संशोधन किया जा सकता है. इसका उद्देश्य अधिकतम किसानों को लाभ पहुंचाना और उनकी फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित करना है. मंत्री ने बताया कि इस प्रक्रिया से किसान अपनी फसल समय पर बेच सकेंगे और भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में होगा. डिजिटल और पारदर्शी प्रणाली अपनाने से बिचौलियों का लाभ रोका जाएगा. यह कदम किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.