धान-गेहूं की खेती पर निर्भर न रहें किसान, जैविक फसलें बनाएंगी करोड़पति

किसान इंडिया अन्नपूर्णा समिट 2025 में किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को आधुनिक बनाने पर जोर दिया गया. नेताओं और प्रगतिशील किसानों ने वैज्ञानिक खेती, मौसम जानकारी और ब्रांडिंग के माध्यम से बेहतर पैदावार और लाभ की अहमियत बताई. जैविक फसलों की ओर भी ध्यान देने की सलाह दी गई.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 19 Dec, 2025 | 02:46 PM

Kisan India Annapurna Summit 2025: किसान इंडिया के अन्नपूर्णा समिट 2025 में देश के कई प्रगतिशील किसान, किसान नेता और कृषि सेक्टर से जुड़े कारोबारियों ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को आधुनिक बनाने पर जोर दिया. किसान नेताओं ने कहा कि किसानों को अपने उत्पाद की ब्रांडिंग कर मार्केट में खुद बेचना चाहिए. वहीं, प्रगतिशील किसानों ने कहा है कि अब हमें केवल धान-गेहूं की खेती पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि जैविक फसलों की खेती की तरफ भी बढ़ना चाहिए. इससे किसानों की कमाई में बढ़ोतरी होगी.

इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि किसानों को अब पारंपरिक तरीकों की बजाय वैज्ञानिक तरीके  से खेती करनी चाहिए. इससे कम लागत में ज्यादा पैदावार होगी. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए मौसम की सही जानकारी बेहद जरूरी है और फसल बोने से पहले कम से कम अगले 10 दिनों का अनुमान जान लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि आज हर किसान के पास स्मार्टफोन है, जिसमें ऐसे फीचर्स हैं जिनसे वे सटीक मौसम की जानकारी हासिल कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि किसान अपने उत्पाद को ब्रांड बनाकर मार्केट में बेचें, ताकि उन्हें बेहतर दाम मिलें.

गाय की नस्ल सुधारने को लेकर दी राय

वहीं, कार्यक्रम में डेयरी पर चर्चा के लिए आनंदा डेयरी के चेयरमैन आरएस दीक्षित, बालिनी ग्रुप के सीईओ ओपी सिंह मौजूद थे. आरएस दीक्षित ने कहा कि गाय की नस्ल सुधारने के लिए ब्रीडिंग तकनीक  को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाना जरूरी है. ओपी सिंह ने कहा कि गांव में किसानों का भरोसा हासिल किए बिना कोई स्टार्टअप सफल नहीं हो सकता और बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि डेयरी इंडस्ट्री सरकार और किसानों के सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार है और किसानों को भी इस दिशा में खुद को तैयार करना होगा.

किसान बनें स्वावलंबी

केवीके गाजियाबाद से जुड़ी प्रगतिशील महिला किसान मंजू रानी कश्यप ने किसान इंडिया अन्नपूर्णा 2025 समिट में कहा कि युवा किसानों को एकीकृत खेती की तरफ बढ़ना चाहिए, जिससे कम लागत में ज्यादा कमाई हो सके. उन्होंने बताया कि किसानों को हर काम के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और अपने पैरों पर खड़े होने के लिए मेहनत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मछली पालन  में युवाओं के लिए बड़े अवसर हैं और सरकार भी इस क्षेत्र में कई योजनाएं चला रही है, जिनका फायदा उठाना चाहिए. मंजू रानी कश्यप ने यह भी कहा कि किसानों को नई तकनीकों को अपनाना चाहिए, क्योंकि वैज्ञानिक नई तकनीक तो बना सकते हैं, लेकिन उसका सही इस्तेमाल किसानों के अनुभव पर ही निर्भर करता है.

खेती में वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाएं किसान

ड्रोन संगम के फाउंडर के सागर इसरानी ने कहा कि किसानों को अब खेती में आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाना चाहिए. इससे खेती की लागत कम होगी और उत्पादन बढ़ेगा. उन्होंने किसानों से ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि कुछ प्रगतिशील किसान ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन अभी यह सिर्फ फसल सीजन तक ही सीमित है. अगर किसान खेती के अलावा दूसरे कामों में भी ड्रोन का इस्तेमाल करें, तो उनकी आय में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है.

कार्यक्रम के स्पॉन्सर पंजाब स्टेट को–ऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड यानी मार्कफेड, मिल्कफेड पंजाब– वेरका, नेक्संस बाइ पीसीए टेक्नोलॉजीज और बीएमएस ऑर्गेनिक फार्मर्स प्रॉड्यूसर कंपनी लिमिटेड थे.

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Published: 19 Dec, 2025 | 01:48 PM
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