नारियल तेल पर संकट! SEA ने सरकार से की आयात की मांग, जानिए क्यों हो रही कीमतें बेकाबू

नारियल तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता राज्य केरल भी अब दूसरी तरफ झुकता दिख रहा है. यहां के कई घर अब पाम और सूरजमुखी तेल का इस्तेमाल करने लगे हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 12 Jul, 2025 | 08:35 AM

देश में नारियल तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं. एक साल पहले जो तेल 130 रुपये प्रति किलो मिलता था, वो अब 400 रुपये के पार पहुंच चुका है. आम आदमी की रसोई पर इसका सीधा असर पड़ा है और अब लोग नारियल तेल छोड़कर दूसरे विकल्पों की ओर बढ़ने लगे हैं. इस बढ़ती महंगाई और घटती मांग के बीच, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि फिलहाल नारियल और कोपरा (सूखा नारियल) के आयात की इजाजत दी जाए, ताकि हालात को संभाला जा सके.

नारियल उत्पादन पर संकट, किसानों को भी झटका

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, SEA के अध्यक्ष संजीव अष्टाना ने बताया, पिछले दो सालों से नारियल उत्पादन संकट में है. इस साल मार्च से मई तक की भीषण गर्मी और कीट हमलों ने नारियल के पेड़ों को काफी नुकसान पहुंचाया है. नतीजा यह हुआ कि किसान अब 40 फीसदी तक कम उपज की बात कर रहे हैं. उत्पादन कम और मांग ज्यादा होने के चलते कीमतें बेकाबू हो गई हैं.

उपभोक्ता छोड़ सकते हैं नारियल तेल

SEA का कहना है कि अगर कीमतें ऐसी ही रहीं, तो उपभोक्ता नारियल तेल का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे और सस्ते विकल्पों जैसे पाम और सूरजमुखी तेल की तरफ चले जाएंगे. अगर ऐसा हुआ, तो नारियल तेल की मांग स्थायी रूप से गिर सकती है. संगठन ने चेताया कि एक बार उपभोक्ता किसी तेल को छोड़ देता है, तो उसे वापस लाना बेहद मुश्किल होता है, जैसा कि पहले मूंगफली तेल के मामले में देखा जा चुका है.

केरल जैसे बड़े बाजार भी बदल रहे रुख

नारियल तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता राज्य केरल भी अब दूसरी तरफ झुकता दिख रहा है. यहां के कई घर अब पाम और सूरजमुखी तेल का इस्तेमाल करने लगे हैं. SEA का कहना है कि महंगाई के चलते नकली और मिलावटी नारियल तेल का चलन भी बढ़ गया है, जिससे नारियल तेल पर उपभोक्ताओं का भरोसा डगमगाने लगा है.

आयात से नहीं होगा किसानों को नुकसान

संजीव अष्टाना का मानना है कि यदि सरकार 6 से 12 महीने की अंतरिम अवधि के लिए कोपरा और नारियल तेल का आयात करने दे, तो इससे कीमतें स्थिर होंगी और सप्लाई में सुधार आएगा. SEA ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकार टैरिफ रेट कोटा (TRQ) जैसी नीतियों के तहत केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को ही आयात की अनुमति दे सकती है, ताकि कोई गड़बड़ी न हो.

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Published: 12 Jul, 2025 | 07:59 AM

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