खरीफ सीजन शुरू हो चुका है लेकिन तेलंगाना में किसान यूरिया की भारी कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के कृषि मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है और जरूरी यूरिया जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की अपील की है. उन्होंने केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा को भेजे गए पत्र में कहा कि अप्रैल, मई और जून के लिए केंद्र ने तेलंगाना को 5 लाख मीट्रिक टन यूरिया देने का वादा किया था, लेकिन अब तक सिर्फ 3.06 लाख मीट्रिक टन ही मिला है. इससे राज्य को 1.94 लाख मीट्रिक टन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तुम्माला ने लिखा कि खरीफ सीजन जोरों पर है और किसानों को तुरंत यूरिया की जरूरत है. कम आपूर्ति की वजह से जमीन पर हालात गंभीर होते जा रहे हैं. इस संकट को दूर करने के लिए कृषि मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव ने केंद्र सरकार से अपील की है कि जुलाई महीने के लिए तय 0.97 लाख मीट्रिक टन आयातित यूरिया की आपूर्ति तुरंत शुरू करवाई जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र तत्काल जहाजों की व्यवस्था करे, ताकि यूरिया जल्द से जल्द किसानों तक पहुंच सके.
1.60 लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत
कृषि मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव ने कहा कि प्रदेश के किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिसका सीधा असर फसल पर पड़ रहा है. क्योंकि उन्हें अपनी फसलों के लिए जरूरी खाद नहीं मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि जुलाई में केंद्र की ओर से 1.60 लाख मीट्रिक टन यूरिया भेजे जाने की योजना है, जिसमें से 60 फीसदी हिस्सा आयातित होगा. लेकिन राज्य सरकार ने चिंता जताई है कि अभी तक इन यूरिया की खेप लाने के लिए कोई जहाज तय नहीं किया गया है, जिससे और देरी की आशंका बढ़ गई है.
अतिरिक्त यूरिया कोटे की भी मांग
तुम्माला ने चेतावनी दी कि अगर आपूर्ति में देर हुई तो यह संकट और गहराएगा, क्योंकि अभी खरीफ सीजन की बोवाई का समय चल रहा है. उन्होंने केंद्र से विशेष रूप से आग्रह किया कि जुलाई के लिए तय 0.97 लाख मीट्रिक टन आयातित यूरिया को लाने के लिए तुरंत जहाजों की व्यवस्था की जाए. साथ ही, रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (RFCL) से मिलने वाली घरेलू यूरिया की सप्लाई को 30,800 टन से बढ़ाकर 60,000 टन किया जाए. इसके अलावा मंत्री ने अप्रैल से जून के बीच की कमी की भरपाई के लिए अतिरिक्त यूरिया कोटे की भी मांग की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस गंभीर समय में तेजी से कदम उठाना चाहिए, ताकि तेलंगाना के किसानों को खरीफ सीजन में खाद की कमी न झेलनी पड़े.