Punjab News: किसान मजदूर मोर्चा ने केंद्र और पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसने कहा है कि दोनों की नीतियां किसानों और मजदूरों के खिलाफ हैं. यही वजह है कि किसानों और मजदूरों की असली समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है. इस दौरान मोर्चा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से मांग की कि पंजाब सरकार धान नुकसान पर किसानों को कम से कम 70,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दे. क्योंकि वर्तमान में 20,000 रुपये एकड़ का मुआवजा बहुत कम है. किसान लागत भी नहीं निकाल पाएंगे. साथ ही उसने कहा कि जिन किसानों की जमीन नदियों के बहाव में चली गई है, उन्हें पूरा मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा तुरंत दी जाए.
दरअसल, बुधवार को चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में किसान मजदूर मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. उसने पंजाब और देश के किसानों से जुड़ी बड़ी समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि शंभू और खन्नौरी बॉर्डर पर जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई भी नहीं हुई है, जिस वजह से वे बहुत नाराज हैं. साथ ही मोर्चा ने केंद्र की बिजली विभाग निजीकरण की योजना की कड़ी आलोचना की और इसे जनता और किसान-मजदूरों के खिलाफ बताया. किसान मजदूर मोर्चा ने कहा कि गन्ना किसानों को उनका बकाया पैसा अभी तक नहीं मिला है. मंडियों में धान खरीदने में परेशानी आ रही है. साथ ही किसान खाद की कमी से भी जूझ रहे हैं. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी पराली जलाने को लेकर सरकार द्वारा अलग-अलग बनाए जा रहे नियमों से हो रही है.
चढूनी की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की
किसान मजदूर मोर्चा ने हरियाणा पुलिस द्वारा किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की और इसे किसानों की आवाज दबाने की कोशिश बताया. मोर्चा ने कहा कि सरकार को किसानों को गिरफ्तार करने की बजाय प्रशासन सुधारने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने मांग की कि चढूनी को तुरंत रिहा किया जाए और किसान आंदोलन पर दबाव बंद हो. साथ ही मोर्चा ने IPS अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या की निष्पक्ष जांच की भी मांग की ताकि सच सामने आए और दोषियों को सजा मिले.
जनता के हित के लिए एकजुट होकर काम करें
मोर्चा ने ड्राफ्ट बिजली (संशोधन) विधेयक 2025 पर चर्चा के लिए 27 अक्टूबर 2025 को सुबह 11 बजे रावी हॉल, किसान भवन, चंडीगढ़ में एक संयुक्त बैठक बुलाने का भी ऐलान किया है. इसमें पावरकॉम, ट्रांसकॉम, किसान, ट्रेड, छात्र और मजदूर यूनियनों को शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है. मोर्चा ने सभी संगठनों से अपील की है कि वे मिलकर किसानों, कर्मचारियों और आम जनता के हित के लिए एकजुट होकर काम करें.
बता दें कि पंजाब में इस साल बाढ़ और बारिश से बहुत अधिक तबाही हुई है. 4 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में फसल बर्बाद हो गई है. साथ ही सैकड़ों मवेशियों की भी मौत हो गई. ऐसे में पंजाब सरकार ने फसल नुकसान की मार झेल रहे किसानों को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देना का ऐलान किया है.