Wheat Farming: मॉनसून सीजन की विदाई होते ही देशभर के किसान रबी फसलों की खेती की तैयारी में जुट जाते हैं. इस मौसम में मुख्य रूप से देशभर के किसान बड़े पैमाने पर गेहूं की खेती करते हैं. इस दौरान किसानों की यही कोशिश रहती है कि वे गेहूं की ऐसी किस्मों का चुनाव करें जिनसे उन्हें उत्पादन भी अच्छा मिले और कमाई में भी बढ़ोतरी हो. गेहूं की ऐसी ही एक किस्म है DWR-162. इस किस्म की खासियत है कि ये रोटी और बेकरी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए बेस्ट मानी जाती है.
क्यों खास है गेहूं की ये किस्म
गेहूं की किस्म DWR-162 की सबसे बड़ी खासियत है कि ये पत्ती, तना और धारीदार रतुआ रोगों से लड़ने में सक्षम है, साथ ही इसके दाने मोटे और एम्बर रंग के होते हैं. बता दें कि, ये किस्म महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गोवा और तमिलनाडु के मैदानी इलाकों के लिए बेस्ट मानी जाती है. इस किस्म की एक खासियत ये भी है कि ये रोटी और बेकरी उत्पादों के लिए सही होती है.
यहां से खरीदें बीज
किसानों को फसलों की खेती करने में किसी भी तरह की समस्या न हो, इसके लिए सरकार की तरफ से उन्हें कई तरह की सहूलियतें दी जाती हैं. इसी कड़ी में राष्ट्रीय बीज निगम (National Seed Corporation) किसानों को रबी सीजन की फसलों के बीज कम और किफायती कीमतों पर उपलब्ध कराता है. गेहूं DWR-162 किस्म के 5 किलोग्राम बीज का पैकेट 20 फीसदी छूट के साथ 475 रुपये में उपलब्ध करा रहा है. किसान चाहें तो इसके बीज ऑनलाइन मंगवा सकते हैं.

NSC से कम कीमतों पर खरीदें बीज (Photo Credit- NSC)
ऑनलाइन करें ऑर्डर
- DWR-162 किस्म के 5 किलोग्राम बीज खरीदने के लिए राष्ट्रीय बीज निगम की आधिकारिक ई-कॉमर्स वेबसाइट ONDC के तहत mystore.in पर जाएं.
- DWR-162 किस्म के 5 किलोग्राम बीज के पैकेट पर क्लिक करें.
- अगली स्क्रीन पर आपको चेकआउट ‘Checkout’ का ऑप्शन दिखेगा, उसपर क्लिक करें.
- इसके बाद आपको अपना रजिसटर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा, जिसके बाद आपके पास एक ओटीपी (OTP) आएगा.
- ओटीपी भरने के बाद अपने घर का पता देकर ऑर्डर पूरा करें.
कटाई का समय और पैदावार
DWR-162 किस्म के गेहूं बुवाई के करीब 115 से 120 दिनों बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है. बात करें इस किस्म से मिलने वाली पैदावार की तो गेहूं की इस किस्म की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर फसल से औसतन 42 से 45 क्विंटल तक पैदावार कर सकते हैं. अगर किसान इस किस्म की बुवाई समय पर करें तो इसकी उपज से अच्छा फायदा ले सकते हैं.