Punjab News: पंजाब में धान की खरीदी ने रफ्तार पकड़ ली है. इसके साथ ही गेहूं बुवाई में भी तेजी आ गई है. बाढ़ प्रभावित नवांशहर जिले के किसानों को फ्री में गेहूं के बीज दिए जा रहे हैं. बात अगर कपूरथला जिले की करें तो इस साल अब तक लक्ष्य का करीब 70 फीसदी धान मंडियों में पहुंच चुका है. डिप्टी कमिश्नर अमित कुमार पंचाल ने कहा है कि जिले के लिए 8,20,017 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया गया था. अब तक 5,71,818.44 मीट्रिक टन धान विभिन्न खरीद केंद्रों पर पहुंच चुका है, जिसमें से 5,66,005.31 मीट्रिक टन पहले ही सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदा जा चुका है. किसानों को 1,308 करोड़ रुपये के भुगतान तय समय में कर दिए गए हैं.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, खरीद एजेंसियों में PUNGRAIN ने सबसे ज्यादा 2,07,645.71 मीट्रिक टन (36 फीसदी), MARKFED ने 1,66,859.71 मीट्रिक टन (29 फीसदी), PUNSUP ने 1,37,322.48 मीट्रिक टन (24 फीसदी), और Punjab State Warehousing Corporation ने 53,837.91 मीट्रिक टन (9 फीसदी) धान खरीदा है. वहीं निजी व्यापारियों ने अब तक 339.50 मीट्रिक टन धान की खरीद की है.
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सब्सिडी पर मिलेंगे 1,421 क्विंटल बीज
वहीं, नवांशहर जिले में बाढ़ से प्रभावित किसानों को 380 क्विंटल गेहूं का बीज मुफ्त मिलेगा, जबकि बाकी किसानों को 1,421 क्विंटल प्रमाणित गेहूं का बीज 50 फीसदी सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाएगा. ये जानकारी डिप्टी कमिश्नर अंकुरजीत सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि कृषि और किसान कल्याण विभाग यह योजना चला रहा है ताकि सभी किसान सस्ती और गुणवत्तापूर्ण गेहूं की बीज पा सकें. सब्सिडी वाले बीज की कीमत 2,000 रुपये प्रति क्विंटल रखी गई है, जिसमें सब्सिडी तुरंत कट जाएगी. हर किसान अधिकतम 1 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सब्सिडी वाला बीज ले सकता है. सप्लाई तब तक चलेगी जब तक तय लक्ष्य पूरा न हो जाए.
किसान ऑनलाइन करें पंजीकरण
शहीद भगत सिंह नगर के मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि इच्छुक किसान agrimachinerypb.com पर ऑनलाइन पंजीकरण कर अपने ब्लॉक कृषि कार्यालय से बीज प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने किसानों से सलाह दी कि पंजीकरण या बीज उपलब्धता के बारे में जानकारी के लिए अपने स्थानीय कृषि अधिकारियों से संपर्क करें.
172 लाख मीट्रिक टन खरीद का है टारगेट
बता दें कि इस सीजन के राज्य सरकार ने 172 लाख मीट्रिक टन (LMT) के टारगेट सेट किया है. हालांकि, इस बार खरीफ विपणन सीजन 16 सितंबर से शुरू किया गया था, जबकि आमतौर पर इसकी शुरुआत 1 अक्टूबर से होती है. यह सीजन 30 नवंबर तक चलेगा. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में धान खरीदी में तेजी आएगी. ऐसे इस साल बाढ़ के चलते फसल को बहुत अधिकन नुकसान पहुंचा है.
 
 
                                                             
                             
                             
                             
                             
 
 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                    