उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई के लिए किसानों को जरूरी खाद की ओवर रेटिंग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की है. कई गोदामों की जांच में गड़बड़ियां मिलने पर कई विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द किए गए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को यूरिया, डीएपी एवं एनपीके उर्वरकों की बिक्री निर्धारित खुदरा मूल्य पर ही करने के निर्देश दिए हैं. तय कीमत से 34 रुपये महंगी खाद बेचने पर लाइसेंस निरस्त किया गया है. बीते दिन कृषि मंत्री ने ओवररेटिंग पर सीतापुर के कृषि अधिकारी को निलंबित भी किया है.
ऊंची कीमत पर खाद बेची तो कार्रवाई होगी
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने लखनऊ में कहा कि किसानों को यूरिया, डीएपी एवं एनपीके उर्वरकों की बिक्री निर्धारित खुदरा मूल्य पर ही सुनिश्चित कराई जायेगी. किसी भी दशा में किसानों को ऊंची कीमत पर उर्वरक बेचने या अन्य उत्पादों की अनिवार्य टैगिंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
किसानों को खाद बिक्री की रसीद देना जरूरी
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को प्रत्येक बिक्री पर रसीद उपलब्ध कराई जायेगी और अगर कोई थोक या फुटकर विक्रेता नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने मीडिया को बताया कि अंतरराष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय सीमाओं से सटे जनपदों में उर्वरकों की आपूर्ति एवं बिक्री पर विशेष सतर्कता बरती जायेगी.
महंगी खाद बेचने पर लाइसेंस निरस्त
कृषि मंत्री ने बताया कि लखनऊ में अनियमितताओं पर सीधी कार्रवाई की गयी है. किसान खाद भण्डार, बेहटा, कुर्सी रोड कृषकों को निर्धारित दर 266.50 रु. प्रति बैग से अधिक दर पर यूरिया बेचा गया. थोक विक्रेता ओम प्रकाश एवं जय प्रकाश द्वारा फुटकर विक्रेताओं को 300 रु. प्रति बैग की दर से यूरिया बेचने की पुष्टि हुई. यानी करीब 34 रुपये महंगी खाद बेचने पर दोनों के लाइसेंस निलंबित कर विधिक कार्यवाही सुरू कर दी गई है. पाल खाद भण्डार, कल्याणपुर बिक्री रजिस्टर में कृषकों के विवरण अधूरे मिले. कई कृषकों से दूरभाष पर संपर्क किया गया, जिनमें कई मोबाइल नंबर गलत या बंद पाए गए. प्रतिष्ठान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
यूपी में खाद का स्टॉक भरपूर
कृषि मंत्री ने बताया प्रदेश में उर्वरकों की उपलब्धता संतोषजनक है. खरीफ 2025 सीजन में अब तक प्रदेश में 39.58 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें से 25.62 लाख मीट्रिक टन बिक्री हो चुकी है और 9.91 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक शेष है.