गर्मी और बरसात के मौसम में मिलने वाला जामुन सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि पोषण में भी कमाल का फल है. इसमें आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन B और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं. यह शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है और थकावट से राहत दिलाता है.
जामुन का सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए रामबाण माना जाता है क्योंकि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है. हालांकि ज़्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से ब्लड प्रेशर बहुत अधिक गिर सकता है, जिससे चक्कर और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
जामुन पाचन से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, गैस और अपच से राहत दिलाता है. यह फाइबर से भरपूर होता है, जिससे मल त्याग सुचारु रहता है. लेकिन अगर पाचन पहले से कमजोर है या जामुन अधिक खा लिया जाए, तो ये फायदे उलटा असर भी कर सकते हैं.
जामुन में ऑक्सलेट नामक तत्व होता है, जो शरीर में मौजूद कैल्शियम के साथ मिलकर किडनी स्टोन का कारण बन सकता है. इस वजह से रोजाना 100 ग्राम से अधिक जामुन खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनकी किडनी कमजोर है.
जामुन खाने से मुंह में एसिड बनता है, जो दांतों की ऊपरी परत यानी इनामेल को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है. विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को इसका ध्यान रखना चाहिए. जामुन खाने के तुरंत बाद कुल्ला या ब्रश करना बहुत ज़रूरी होता है, खासतौर पर रात के समय.
भले ही जामुन में आयरन और पोषण भरपूर हो, लेकिन गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर छठे महीने के बाद इसका सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए. कभी-कभी इसका अधिक सेवन हार्मोनल असंतुलन या पेट की दिक्कतें पैदा कर सकता है. (Disclaimer - इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है.)