PM Kisan: पूरे देश के अन्नदाता प्रधानमंत्री किसाम सम्मान निधि योजना (PM Kisan) की 20वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. इसी बीच मध्य प्रदेश में पीएम किसान योजना से जुड़ी फर्जीवाड़े की एक बड़ी खबर सामने आई है. प्रदेश में हजारों ऐसे अपात्र लाभार्थियों की पहचान की गई है, जो फर्जी तरीके से योजना का लाभ उठा रहे हैं. अब इन फर्जी खातों को एडजस्ट किया जाएगा.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में इन दिनों पीएम किसान के फर्जी लाभार्थियों की पहचान करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपात्र लाभार्थियों की पहचान करें और अयोग्य घोषित करें, ताकि पीएम किसान में हो रही धांधली को रोका जा सके. इसी कड़ी में बैतूल जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने ऐसे करीब 13,000 अपात्र लाभार्थियों चिन्हित किए हैं, जहां एक ही परिवार के लोग योजना का फायदा काफी लंबे समय से ले रहे थे. खास बात यह है कि यह प्रक्रिया अभी जारी है. अब सभी खातों को एडजस्ट किया जाएगा.
इस तरह हटाए जाएंगे डुप्लिकेट डेटा
केंद्र सरकार द्वारा जारी SOP के मुताबिक, लाभार्थियों का डुप्लिकेट डेटा हटाने के लिए आधार से लिंक केवाईसी और राशन कार्ड (PDS) डेटा का उपयोग किया जाएगा. अगर एक से ज्यादा सदस्य एक ही परिवार से जुड़े पाए जाते हैं, तो जांच की जाएगी कि वे कहां रजिस्टर्ड हैं और उनका आपसी संबंध क्या है. पति-पत्नी के रूप में पहचाने गए दो लाभार्थियों को दी गई कुल किस्तों को मिलाकर जब कुल पात्रता के अनुसार समायोजन कर लिया जाएगा, तब पात्रता होने पर महिला लाभार्थी को फिर से योजना में जोड़ा जा सकता है.
सभी जिला कलेक्टरों को लिखी चिट्ठी
बता दें कि 19 मई को राज्य के भूमि अभिलेख आयुक्त ने सभी जिला कलेक्टरों को चिट्ठी लिखी, जिसमें एक ही परिवार से एक से अधिक लाभार्थियों के मामलों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया था. यह निर्देश केंद्र सरकार द्वारा 9 और 16 मई को PM-KISAN योजना को लेकर हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद जारी किया गया था. अधिकारियों के अनुसार, यह जांच प्रक्रिया 2025 की पहली जून में जारी होने वाली पीएम-किसान योजना की 20वीं किस्त से पहले पूरी कर ली जानी चाहिए.
पीएम किसान योजना के नियम
PM-KISAN योजना के तहत लाभार्थियों को साल में 6,000 रुपये मिलते हैं, जो तीन बराबर किस्तों में दिए जाते हैं. योजना के नियमों के अनुसार, एक किसान परिवार में पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे शामिल होते हैं, जिनके नाम पर खेती योग्य जमीन होनी चाहिए. एक परिवर से केवल एक ही सदस्य को योजना का लाभ मिलता है. यानी पति-पत्नी योजना का लाभ एक साथ नहीं उठा सकते हैं.