केरल में कृषि संकट के बीच कैथोलिक चर्च के पला डायोसीज ने किसानों की मदद के लिए एक सराहनीय कदम उठाया है. पाला में एक फूड फैक्ट्री की शुरुआत की गई है, जहां किसानों से सीधे फसल खरीदकर वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स यानी प्रोसेस्ड उत्पाद तैयार किए जाएंगे. यह फैक्ट्री कटहल, कसावा, अनानास, केले और अन्य फल-सब्जियां उचित दामों पर किसानों से खरीदेगी. खास बात यह है कि इस फैक्ट्री का उद्घाटन भी हो गया है. इससे किसानों में खुशी का माहौल है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फैक्ट्री के उद्घाटन कार्यक्रम में कृषि मंत्री पी प्रसाद ने कहा कि किसानों को अपनी उपज का मूल्य तय करने का अधिकार मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब किसान अपनी उपज से वैल्यू एडेड प्रोडक्ट बनाएंगे, तभी वे खुद तय कर पाएंगे कि उन्हें कितनी कीमत चाहिए. यह पहल किसानों को बेहतर दाम दिलाने और बिचौलियों से मुक्त करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है.
पारंपरिक तरीका बदलने की जरूरत है
कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने कहा कि अगर किसान खुद अपनी उपज का मूल्य तय करें और फसल से वैल्यू एडेड उत्पाद बनाएं, तो उनकी इनकम में जरूर बढ़ोतरी होगी. यही वजह है कि इसके लिए एक फार्म प्लान तैयार किया जा रहा है और किसान संघ बनाए जा रहे हैं, जो इस बदलाव की रीढ़ बनेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि अब खेती का पारंपरिक तरीका बदलने की जरूरत है.
युवाओं की खेती में बढ़ेगी रुचि
चर्च अधिकारियों ने इस पहल को एक बड़ा कदम बताया है. उनका कहना है कि इससे सेंट्रल त्रावणकोर की कृषि को फिर से लाभकारी और टिकाऊ बनाया जाएगा. कैथोलिक चर्च लंबे समय से किसानों की समस्याओं को लेकर सक्रिय है और सरकारी उदासीनता से नाराज होकर अब सीधे तौर पर किसानों के समर्थन में उतर आया है. चर्च की यह पहल युवाओं के विदेश पलायन को रोकने और उन्हें अपने गांव-घर में ही भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करने की रणनीति का हिस्सा भी है. इसका उद्देश्य है कि नई पीढ़ी खेती को करियर के रूप में अपनाए और स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भरता बढ़े.
एक बार में 36 टन फसल की होगी प्रोसेसिंग
पाला में शुरू की गई फूड फैक्ट्री को इस तरह तैयार किया गया है कि वह किसानों की फसलों को पाउडर, पल्प और ड्राई जैसे प्रोसेसिंग तरीकों से वैल्यू एडेड प्रोडक्ट में बदल सके. इस फैक्ट्री की प्रोसेसिंग क्षमता एक बार में 36 टन है. इसके साथ ही, फैक्ट्री में एक वैक्यूम फ्रायर यूनिट भी लगाया गया है, जिससे कम तेल में ज्यादा और हेल्दी प्रोडक्ट तैयार किए जा सकें.