देश में पहली बार.. तेलंगाना में प्राइवेट बीज कंपनियों ने मक्का किसानों को दिया मुआवजा, कम हुई थी उपज

बीज खरीदते समय कंपनियों ने किसानों से प्रति एकड़ 4 टन पैदावार का वादा किया था, लेकिन जमीनी हकीकत यह रही कि उन्हें बमुश्किल 1 टन या उससे भी कम फसल मिली.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 8 Jul, 2025 | 03:06 PM

Maize Farming: तेलंगाना के मुलुगु जिले में किसानों को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला हुआ है. यहां 671 मक्का किसानों को भारी फसल नुकसान के बदले मुआवजा दिया गया है. ये मुआवजा चार प्राइवेट बीज कंपनियों ने दिया है. दरअसल, 671 किसानों ने इन कंपनियों के बीज खरीदे थे और मुक्के की बुवाई की थी. लेकिन बीज सही तरह से अंकुरित नहीं हुए, जिससे पैदावार में गिरावट आई. ऐसे में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. फिर किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहला मौका है जब तेलंगाना में और शायद पूरे देश में प्राइवेट बीज कंपनियों ने सैकड़ों किसानों को सीधे मुआवजा दिया है. यह कदम सरकार के लगातार दबाव और खेतों से मिले पक्के वीडियो सबूतों के बाद संभव हो पाया. क्योंकि खराब बीजों की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ था. ऐसे किसानों को नुकसान की गंभीरता और खर्च के आधार पर प्रति एकड़ 60,000 से 1.25 लाख रुपये तक के चेक दिए गए है.

कंपनियों ने 4 टन पैदावार का किया था वादा

दरअसल, कुछ महीने पहले तेलंगाना के मुलुगु जिले के वाजेदु, वेंकटपुरम, कन्नैगुड़ेम और तडवई मंडलों में किसानों ने मक्के की जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) बीज बोए थे. लेकिन इसके बावजूद फसल का उत्पादन बहुत कम हुआ. खास बात यह है कि बीज खरीदते समय कंपनियों ने किसानों से प्रति एकड़ 4 टन पैदावार का वादा किया था, लेकिन जमीनी हकीकत यह रही कि उन्हें बमुश्किल 1 टन या उससे भी कम फसल मिली.

किसानों ने किया भारी प्रदर्शन

ऐसे में इस भारी नुकसान के बाद किसानों में गुस्सा फैल गया और उन्होंने जवाबदेही और मुआवजे की मांग करते हुए जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिए. किसानों के प्रदर्शन तब और तेज हो गए, जब स्थानीय अधिकारियों ने एक अलग और सख्त जांच शुरू की. उन्होंने हर प्रभावित किसान के खेत और घर जाकर नुकसान की स्थिति का वीडियो रिकॉर्ड किया और बीज कंपनियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में उनके बयान दर्ज किए.

मुलुगु जिले के कलेक्टर टीएस दिवाकर ने कहा कि पिछले चार महीनों तक सरकारी अधिकारी हर किसान के घर पहुंचे और बीज कंपनी के प्रतिनिधियों के सामने वीडियो सबूत इकट्ठा किए. काफी मेहनत के बाद हम कंपनियों को नोटिस भेज पाए और मुआवजे की मांग की, जिसे आखिरकार उन्होंने मान लिया. मुआवजे के चेक मुलुगु में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बांटे गए, जिसमें कृषि मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव और पंचायत राज मंत्री सीतक्का भी शामिल हुए.

देश में पहली बार बीज कंपनियों से मिला मुआवजा

जिलाधिकारी टीएस दिवाकर ने कहा कि किसानों के पास उपभोक्ता अदालत में जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होता और यह प्रक्रिया काफी लंबी होती है. तेलंगाना सीड्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एस. अन्वेश रेड्डी ने कहा कि यह शायद देश का पहला मामला है, जहां सैकड़ों किसानों को एक साथ बीज कंपनियों से मुआवजा मिला है.

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Published: 8 Jul, 2025 | 03:01 PM

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