Air Pollution: दिवाली की रौनक अब धुएं और धुंध की चादर में बदल चुकी है. त्योहारों की चमक फीकी पड़ते ही देश के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. जहां एक ओर दिल्ली-एनसीआर में हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है, वहीं देश के कई छोटे-बड़े शहर दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित हो चुके हैं. हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में हालात चिंताजनक हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों का धुआं, तापमान में गिरावट, पराली जलाना और धीमी हवा मिलकर वायु गुणवत्ता को और बिगाड़ रहे हैं.
हरियाणा में सांसें हो रहीं भारी
हरियाणा में इस समय कई शहरों में हवा बेहद जहरीली हो गई है. जींद और धारूहेड़ा देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) क्रमशः 421 और 412 तक पहुंच गया. यानी दिल्ली (AQI 351) से भी ज्यादा खराब हवा यहां दर्ज की गई. इसके अलावा रोहतक, फतेहाबाद, चरखी दादरी, यमुनानगर और बल्लभगढ़ जैसे शहरों में भी AQI 300 के पार रहा. विशेषज्ञों का मानना है कि यहां औद्योगिक इकाइयों और वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का बड़ा कारण है.
राजस्थान में बिगड़े हालात
राजस्थान के कई शहरों में तो स्थिति और भी भयावह हो गई है. श्रीगंगानगर में AQI 466 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. वहीं भिवाड़ी (416), चूरू (413), बीकानेर (305) और अलवर (363) की हवा भी बेहद खराब है. राजधानी जयपुर में भी AQI 270 रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में गिना जाता है. स्थानीय प्रशासन ने लोगों को मास्क पहनने और घर से बाहर कम निकलने की सलाह दी है.
पंजाब की हवा में भी धुंध और पराली का धुआं
पंजाब के शहरों में पराली जलाने और पटाखों ने मिलकर प्रदूषण को बढ़ा दिया है. लुधियाना में AQI 271, जालंधर में 247 और अमृतसर में 224 दर्ज किया गया. विशेषज्ञों के अनुसार, खेतों में पराली जलाने से निकलने वाला धुआं आसपास के राज्यों तक पहुंच रहा है और पूरे उत्तर भारत की हवा को दूषित कर रहा है.
मध्य प्रदेश में भी बिगड़ा वायु संतुलन
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, ग्वालियर (302), सागर (231) और मंडीदीप (220) जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है. जबलपुर और इंदौर जैसे बड़े शहर भी ‘खराब’ स्थिति में हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाओं की गति कम होने से प्रदूषक तत्व जमीन के पास ही ठहर जा रहे हैं.
बिहार में भी सांस लेना हुआ मुश्किल
बिहार के सात शहरों में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है. हाजीपुर (AQI 291) सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा, जबकि सहरसा (273), समस्तीपुर (236) और पटना (226) भी खराब हवा की चपेट में हैं. बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन लगातार निगरानी की जा रही है.
प्रदूषण से स्वास्थ्य पर खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक ‘खराब’ वायु गुणवत्ता में रहने से सांस की बीमारियां, अस्थमा, एलर्जी और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है. बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. मास्क का इस्तेमाल, घर के पौधों से हवा को शुद्ध करना और वाहन उपयोग में कमी जैसे छोटे कदम भी बड़ी राहत दे सकते हैं.