Delhi pollution 2025: दिल्ली की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है. दीपावली की खुशियों के अगले ही दिन जब सूरज निकला, तो राजधानी के ऊपर धुंध और धुएं की मोटी चादर छाई हुई थी. लोग आंखों में जलन, सांस में चुभन और गले में खराश महसूस कर रहे थे. स्विट्जरलैंड की एयर क्वालिटी एजेंसी IQAir की ताजा रिपोर्ट ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है, रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है.
दिल्ली की हवा में घुलाजहर
21 अक्टूबर की सुबह दिल्ली का AQI स्तर 360 के आसपास दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ (Very Poor) श्रेणी में आता है. इसका मतलब है कि हवा में मौजूद प्रदूषण के कण सामान्य से कई गुना ज्यादा हैं और ये सीधे लोगों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. राजधानी के कई इलाकों जैसे आनंद विहार, वजीरपुर, बवाना, और जहांगीरपुरी में तो AQI 400 से ऊपर चला गया, जो ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी है.
टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहरों में 3 भारतीय, 2 पाकिस्तानी
IQAir की लाइव रैंकिंग के अनुसार, दुनिया के टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में तीन भारतीय शहर दिल्ली, कोलकाता और मुंबई शामिल हैं. दिल्ली पहले स्थान पर है, कोलकाता तीसरे, और मुंबई चौथे स्थान पर. वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर दूसरे और कराची छठे स्थान पर हैं.
टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची
- दिल्ली (भारत)
- लाहौर (पाकिस्तान)
- कोलकाता (भारत)
- मुंबई (भारत)
- ताशकंद (उज्बेकिस्तान)
- कराची (पाकिस्तान)
- कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया)
- कुवैत सिटी (कुवैत)
- किंशासा (कांगो)
- मनीला (फिलिपीन्स)
दीपावली के बाद क्यों बिगड़ी हवा
रिपोर्ट में कहा गया है कि दीपावली के दौरान फोड़े गए पटाखे दिल्ली की वायु गुणवत्ता गिराने का सबसे बड़ा कारण बने. पटाखों के धुएं में मौजूद कार्बन, नाइट्रोजन और भारी धातुएं हवा में घुलकर PM2.5 और PM10 कणों को खतरनाक स्तर तक बढ़ा देती हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केवल “ग्रीन पटाखे” जलाने की अनुमति दी थी, और वो भी सीमित समय के लिए, लेकिन जमीन पर इसका पालन नहीं दिखा.
पराली, धूल और वाहन प्रदूषण ने बढ़ाई मुश्किल
दिल्ली के प्रदूषण को बढ़ाने में केवल पटाखों का ही योगदान नहीं है. पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकलने वाला धुआं, शहर के वाहनों से निकलने वाला धुआं, और निर्माण कार्यों से उड़ती धूल, ये तीनों मिलकर हवा में जहर घोल रहे हैं.
सर्दियों में हवा की गति धीमी होने और तापमान गिरने से यह धुआं नीचे ही अटक जाता है, जिससे दिल्ली और एनसीआर के ऊपर स्मॉग (धुंध-धुआं) की मोटी परत बन जाती है.
सेहत पर खतरा
डॉक्टरों का कहना है कि इस समय दिल्ली की हवा फेफड़ों के लिए बेहद खतरनाक है. अस्थमा, सांस की तकलीफ या हार्ट पेशेंट्स को बाहर निकलने से बचना चाहिए. कई स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए क्लासेज ऑनलाइन करने पर विचार चल रहा है.
क्या है आगे की स्थिति
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आने वाले 3–4 दिनों में हवा की रफ्तार धीमी रहने के कारण प्रदूषण स्तर में खास सुधार की उम्मीद नहीं है. हवा तभी साफ होगी जब तेज हवाएं चलेंगी या हल्की बारिश होगी.