हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 39 फीसदी की कमी, जानें किस जिले में आए कितने मामले

हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 39 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. सरकार ने 10 प्रमुख जिलों की पहचान कर सख्ती बढ़ाई है. CRM योजना के तहत किसानों को पराली प्रबंधन मशीनों पर सब्सिडी दी जा रही है.

नोएडा | Updated On: 12 Aug, 2025 | 01:08 PM

हरियाणा में सरकार की सख्ती और जागरुकता अभियान के बाद पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है. पिछले धान सीजन में 2023 की तुलना में सक्रिय पराली जलाने की घटनाओं में 39 फीसदी की कमी दर्ज की गई. हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले वाले 10 जिलों की पहचान की है, जहां अब विशेष सख्ती बरती जाएगी. इन 10 जिलों में फतेहाबाद, जींद, कैथल, अंबाला, सिरसा, कुरुक्षेत्र, करनाल, हिसार, यमुनानगर और सोनीपत का नाम शामिल है. इन जिलों के डिप्टी कमिश्नरों (DCs) को पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि इन जिलों के DCs से कहा गया है कि वे फसल अवशेष जलाने को रोकने के लिए खास उपाय अपनाएं और टिकाऊ खेती को बढ़ावा दें. उन्हें ‘रेड’ और ‘येलो’ जोन वाले गांवों और बड़े धान उत्पादक गांवों में विशेष ध्यान देने को कहा गया है. इसके साथ ही, अधिकारियों को गांव-स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए हैं. हालांकि इन जिलों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है, लेकिन कई जिलों में पराली जलाने के मामलों में पहले ही अच्छी खासी कमी देखी गई है.

आवेदन की आखिरी तारीख 20 अगस्त है

इसी बीच, फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) योजना के तहत धान की पराली का बेहतर उपयोग करने के लिए एक सप्लाई चेन बनाने पर काम शुरू हो गया है. इसके लिए किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), पंचायतों और प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव सोसाइटीज (PACS) को सब्सिडी के लिए आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया था. व्यक्तिगत किसानों के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 20 अगस्त है, जबकि बाकी श्रेणियों के लिए आवेदन 7 अगस्त को ही बंद हो गए थे. अब तक करीब 50 किसानों ने पराली प्रबंधन मशीनों की खरीद के लिए बैक-एंड सब्सिडी के तहत आवेदन किया है.

किसानों को मिल रही है सब्सिडी

करनाल के कृषि उपनिदेशक (DDA) डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि विभाग 2025- 26 की CRM योजना के तहत सुपर SMS, बैलर, हैप्पी सीडर, रोटरी स्लैशर, मल्चर, रिवर्सिबल MB प्लाउ, जीरो-टिल ड्रिल, सुपर सीडर, सरफेस सीडर, फसल काटने वाली मशीनें, लोडर और टेडर जैसी मशीनों पर सब्सिडी दे रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी या विभाग द्वारा तय की गई अधिकतम दर जो भी कम हो उसी के अनुसार सहायता दी जाएगी. खास बात यह है कि हरियाणा में कई जगहों पर पराली जलाने के मामलों में अच्छी गिरावट देखने को मिली है.

15 सितंबर से 30 नवंबर 2024 के बीच के आंकड़े

  • फतेहाबाद में मामले 579 से घटकर 130 हो गए
  • जींद में 343 से घटकर 218
  • कैथल में 262 से घटकर 194
  • अंबाला में 195 से घटकर 99
  • सिरसा में 188 से घटकर 162
  • कुरुक्षेत्र में 154 से घटकर 132
  • करनाल में 126 से घटकर 96
  • हिसार में 111 से घटकर 49
  • यमुनानगर में 98 से घटकर 38
  • सोनीपत में 78 से घटकर 70 हो गए

 

Published: 12 Aug, 2025 | 01:02 PM