अब दूसरे राज्य के लोग फर्जी तरीके से नहीं बेच पाएंगे पंजाब में धान, प्रशासन ने उठाया सख्त कदम

पटियाला प्रशासन ने खरीफ सीजन 2024-25 में धान की अवैध खरीद रोकने के लिए 200 अफसरों की 7 टीमें और फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किए हैं. हरियाणा, यूपी और बिहार से सस्ती धान लाकर पंजाब मंडियों में बेचने की कोशिशों पर सख्ती से निगरानी की जा रही है.

Kisan India
नोएडा | Published: 12 Oct, 2025 | 08:31 AM

Punjab News: चालू खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान धान और चावल की अवैध खरीद-फरोख्त और गैरकानूनी रीसाइक्लिंग को रोकने के लिए पटियाला जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. पुलिसकर्मियों समेत कई टीमें बनाई गई हैं, जिन्हें संजरपुर मोड़ शंभू बैरियर, सरला हेड (घनौर–अंबाला रोड), रोहर जागीर (जुल्का–पिहोवा रोड), टी-पॉइंट (बलबेरा–चीका रोड), धर्मेड़ी (नवां गांव–चीका रोड), घग्घर ब्रिज (अर्नेतू बादशाहपुर–कैथल रोड) और धाबी गुज्जरां (पटरण–नरवाना रोड) जैसे अहम स्थानों पर तैनात किया गया है. ये सात टीमें, जिनमें खाद्य आपूर्ति विभाग, मंडी बोर्ड और पुलिस के करीब 200 अधिकारी शामिल हैं, दूसरे राज्यों से पंजाब में आने वाले ट्रकों के बिल, बिल्टी और दस्तावेजों की जांच कर रही हैं. पटियाला की डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव ने कहा कि इस कार्रवाई का मकसद किसानों को किसी भी तरह की परेशानी से बचाना है.

पटियाला जिले में सभी सरकारी एजेंसियां स्थानीय किसानों से धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य  (MSP) 2369 रुपये प्रति क्विंटल पर कर रही हैं. लेकिन डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव ने कहा कि कुछ लोग गलत तरीके से दूसरे राज्यों से सस्ती धान या चावल लाकर पंजाब की मंडियों में बेचने की कोशिश करते हैं. पटियाला की हरियाणा से लंबी सीमा लगती है, खासकर अंबाला, कुरुक्षेत्र और कैथल जिलों से. स्थानीय किसानों का कहना है कि सीमा से सटे हरियाणा के गांवों के कुछ किसान अपनी फसल पंजाब की मंडियों में बेचने आ जाते हैं. इसी तरह पहले भी कुछ लोग उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से सस्ती धान खरीदकर  पंजाब, खासतौर पर पटियाला, की मंडियों में बेचते पकड़े गए हैं और इससे उन्हें गलत तरीके से मुनाफा होता है.

एसडीएम की निगरानी में फ्लाइंग स्क्वॉड बनाए गए

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि बाहर से धान की अवैध आमद और गैरकानूनी व्यापार को रोकने के लिए एसडीएम की निगरानी में फ्लाइंग स्क्वॉड बनाए गए हैं. इन टीमों में अलग-अलग विभागों के अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल हैं, जो अनाज मंडियों में अचानक जांच भी कर रहे हैं. जिला खाद्य और आपूर्ति नियंत्रक डॉ. रविंदर कौर ने कहा कि राज्य की सीमाओं पर पुलिस ने नाकों की व्यवस्था की है, जहां बाहर से आने वाले वाहनों की सख्ती से निगरानी की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि हर मंडी समिति  स्तर पर जांच की जा रही है, ताकि पंजाब के बाहर से धान और चावल की अवैध एंट्री को रोका जा सके.

टारगेट का 6 फीसदी धान की खरीदी

बता दें कि पंजाब में इस बार खरीफ विपणन सीजन की शुरुआत धीमी रही है. 9 अक्टूबर तक सिर्फ 10.5 लाख टन धान की खरीद हो सकी है, जो तय लक्ष्य 170-180 लाख टन का केवल 6 फीसदी ही है. अक्टूबर के पहले हफ्ते में हुई भारी बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया, जिससे कटाई में देरी हुई और इसका सीधा असर मंडियों में धान की आवक और खरीद पर पड़ा है.

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