मंडियों के बाहर धान किसानों से धोखाधड़ी.. MSP से आधे भाव पर खरीद, अब चलेगा सीएम योगी का डंडा!

Paddy Purchase in UP: भारतीय किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर मंडियों के बाहर किसानों को धान का समर्थन मूल्य नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई है. किसानों को नमी, ट्रांसपोर्टेशन आदि का बहाना बनाकर मंडियों के बाहर लाइन लगाने पर मजबूर किया जा रहा है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 8 Oct, 2025 | 01:22 PM

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की मंडियों में किसानों से आधे दाम में धान खरीदे जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन ने नाराजगी जताते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. कहा जा रहा है कि मामले पर सीएम योगी ने अधिकारियों को एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि राज्य में 1 अक्तूबर से खरीफ फसलों की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर शुरू की गई है.

खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की सरकारी खरीद (Paddy Procurement) मंडियों में शुरू हो चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर यानी एमएसपी पर खरीद की जाए. लेकिन, कुछ मंडियों में धान के लिए तय 2389 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी से लगभग आधे दाम किसानों को दिए जा रहे हैं. इसको लेकर किसानों में नाराजगी है. पहले किसानों ने जिला प्रशासन और मंडी प्रशासन को शिकायती पत्र देकर एमएसपी दिलाने की मांग की है और अब भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है.

किसानों की फसल औने-पौने दामों में खरीदी जा रही

भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक की ओर से सीएम को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि किसानों बीते लगभग 4 माह जून से सितम्बर तक में धान में तमाम कीट, रोग और बाढ़ आपदा की चुनौतियों से जूझ रहे हैं. खून-पसीने की कड़ी मेहनत से धान की फसल किसानों ने उगाई है और किसान अपनी उपज एमएसपी पाने के लिए मंडियों में धान बेचने के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन कुछ मंडियों में तो किसानों की फसल औने-पौने दामों में खरीदी ही जा रही है.

यूपी की इन मंडियों पर गंभीर आरोप

किसान यूनियन ने कहा है कि बहुत से स्थानों पर विशेषकर तराई क्षेत्र के जनपद रामपुर, पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर आदि जनपदों की मण्डी, उप मण्डी स्थलों के बाहर व्यापारियों और चावल मिलर्स किसानों का धान खरीद रहे हैं. लेकिन, किसानों को तय एमएसपी नहीं दी जा रही है. मण्डी अधिनियम लागू करने एवं नवीन मण्डी स्थलों, उप मण्डी स्थलों के निर्माण का उदेश्य ही किसानों को ऐसे शोषण से बचाना तथा उनकी फसल का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य दिलाना है.

ऐसी स्थिति में निर्मित मण्डी स्थलों के बाहर व्यापारियों, चावल मिलों के जरिए हो रही धान खरीद पर तत्काल रोक लगाई जाए. इसके अलावा अब तक खरीदे गए धान, आवक की नवीन मण्डी स्थलों, उप स्थलों के प्रवेश द्वार पर प्रवेश पर्चियां जारी नहीं हुई हैं, इनका डाटा जुटाकर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए.

bku letter to cm over paddy purchase at lowest price than msp

किसान यूनियन ने सीएम को भेजी चिट्ठी.

किसानों को थमाए जा रहा 1600 रुपये भाव

भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश की मंडियों से बाहर व्यापरियों और चावल मिलों के जरिए कम भाव पर की जा रही खरीद पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इनके जरिए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया जा रहा है. किसानों का धान 1500 से 1600 रुपये क्विंटल पर खरीदा जा रहा है. जबकि, धान का एमएसपी 2389 रुपये प्रति क्विंटल है.

हरियाणा-पंजाब में 80 फीसदी खरीद तो यूपी में 30 फीसदी क्यों – धर्मेंद्र मलिक

धान खरीद केंद्र के प्रभारी किसानों को नमी, परिवहन, बारदाना का बहाना बनाकर लंबी लाइन लगा रहे हैं. इसके चलते किसान खराब मौसम को देखते सस्ते दाम पर अपनी उपज मंडी के बाहर ही बेचने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा, पंजाब में धान की खरीद 80 फीसदी से अधिक होती है तो उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 30 फीसदी क्यों रहता है यह खरीद न होने का प्रमाण है. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले पर कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं.

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Published: 8 Oct, 2025 | 01:06 PM

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