पीएम फसल बीमा के दो नियमों में बदलाव से 9 करोड़ किसानों को ज्यादा मिलेगा पैसा, कृषि मंत्री ने बताई डिटेल्स

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागपुर में कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दो नुकसान कवर नहीं किए गए थे और इनकी मांग लंबे समय से की जा रही थी. कई किसानों को 3 और 21 रुपये मुआवजा देने के मामले सामने आए थे, जिसके बाद योजना का पुनर्मूल्यांकन किया गया और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए फैसला लिया गया है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 21 Nov, 2025 | 11:17 AM

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियमों में बदलाव किया गया है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इन नियमों के बदलाव से किसानों को होने वाले नुकसान की और भरपाई की जा सकेगी. इससे उन्हें मुआवजे के तौर पर ज्यादा राशि हासिल हो सकेगी. कृषि मंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर किसानों को फसल बीमा योजना के तहत नुकसान के बदले 3 रुपये और 21 रुपये मुआवजा दिए जाने की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद योजना पर पुनर्मूल्यांकन किया गया है और हम नियमों में बदलाव कर दो तरह से होने वाले नुकसान को भी योजना में शामिल कर रहे हैं, ताकि किसानों को लाभ हो सके.

जलभराव और पशुओं से फसल नुकसान पर मुआवजा मिलेगा

महाराष्ट्र के नागपुर में एग्रोविजन कार्यक्रम में शामिल होने से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत करते हुए कहा कि सबसे पहले मैं आपको अच्छी खबर देना चाहता हूं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दो नुकसान कवर नहीं किए गए थे और इनकी मांग लंबे समय से की जा रही थी. एक, ज़्यादा बारिश से बाढ़ या पानी भरने (जलभराव) से फसलों को हुआ नुकसान. दूसरा, जंगली जानवरों से फसलों को हुआ नुकसान.

जलभराव से कई राज्यों में किसानों को दोहरी मार पड़ी है

कृषि मंत्री ने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि अब फसल बीमा योजना में बदलाव किया गया है और ये दोनों नुकसान अब कवर किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार मॉनसूनी बारिश और बाढ़ के बाद देश के कई राज्यों में जलभराव की स्थिति देखी गई है. दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां के खेतों में जलनिकासी की पर्याप्त सुविधा नहीं होने से 1-1 महीने तक पानी भरा रहा है. इससे किसान की उस वक्त की फसल तो खराब हुई ही है और उसके बाद की फसल की बुवाई भी वह नहीं कर सकता है. ऐसे में किसानों को दोहरी मार पड़ी है.

3 रुपये और 21 रुपये मुआवजा मिलने पर योजना का पुनर्मूल्यांकन

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के कुछ किसानों को फसल नुकसान के मुआवजे के रूप में 3 रुपये और 21 रुपये दिए जाने का मामला भी सामने आया है. इसके अलावा भी योजना को लेकर किसानों की कुछ शिकायतें और सुझाव मिले हैं, जिसके बाद योजना का पुनर्मूल्यांकन किया गया और दो नुकसान को योजना में शामिल करने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि जलभराव और पशुओं से फसल क्षतिग्रस्त होने पर किसानों को पीएम फसल बीमा योजना के तहत तय बीमा कंपनी मुआवजा देगी.

पीएम फसल बीमा योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़ रही

पीएम फसल बीमा योजना के तहत देश के करीब 9 करोड़ किसानों की मदद के लिए साल 2016 में योजना की शुरुआत की गई थी. तब से 78.41 करोड़ किसान आवेदनों का अलग-अलग बीमा किया गया और 1.83 लाख करोड़ रुपये के दावों का भुगतान भी किया गया हैं. वहीं, योजना में लाभार्थी किसानों की कुल संख्या साल 2022-23 में 3.17 करोड़ थी, जो 2024-25 में 4.19 करोड़ हो गई और 2025-26 के लिए योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक किसानों की संख्या इससे दोगुनी होने की संभावना जताई गई है, क्योंकि हर सीजन आवेदक किसानों की संख्या बढ़ रही है.

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