पराली जलाने से रोकने के लिए अभियान शुरू, 770 किसानों से वसूले गए 16 लाख रुपये

Say no to stubble burning: पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए मध्य प्रदेश के कटनी, सीहोर, सतना, शिवपुरी समेत अन्य जिलों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. कटनी जिले में किसानों को पराली नहीं जलाने, नैनो डीएपी इस्तेमाल करने, बीज उपचार करने और फसल अवशेष को खाद में बदलने के लिए ट्रेनिंग कैंप लगाया गया.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 21 Oct, 2025 | 02:36 PM

दीपावली के अगले दिन अचनाक बढ़े वायु प्रदूषण को देखते हुए मध्य प्रदेश में जिलावार पराली जलाने से रोकने के लिए अभियान की शुरुआत की गई है. यह फैसला मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ते पराली जलाने के मामलों की रोकथाम के लिए किया गया है. बीते कुछ सप्ताह में कटनी, सीहोर समेत कई जिलों में फसल अवशेष जलाने के केस दर्ज किए गए हैं. अभियान के तहत किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान, दोषी पाये जाने पर जुर्माना राशि लगाने और सरकारी योजनाओं से वंचित हो जाने के नुकसान की जानकारी भी दी जाएगी. वहीं, मई 2025 से पहले तक 770 किसानों से 16 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया. जबकि, एक कृषि यूनिवर्सिटी में

कृषि विभाग और इफको किसानों को कर रहे जागरूक

मध्य प्रदेश में पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए अभियान की शुरूआत की गई है. इसके लिए भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) का भी सहयोग लिया गया है. कटनी जिले में आज किसानों को पराली नहीं जलाने, नैनो डीएपी इस्तेमाल करने, बीज उपचार करने और फसल अवशेष को खाद में बदलने के लिए ट्रेनिंग कैंप लगाया गया.

इफको के उपमहाप्रबंधक राजेश मिश्रा ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए बायो डिकम्पोजर के इस्तेमाल किसान करें. इसके साथ ही इफको के नये लॉन्च हुये नैनो जिंक एवं नैनों कॉपर के बारें में भी किसानों को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नैनो उर्वरक जैसे इफको नैनो यूरिया और नैनो डीएपी, पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में कम मात्रा में इस्तेमाल होकर भी फसल उत्पादन बढ़ाते हैं. इसके अलावा मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं.

किसानों पर लग चुका 16.71 लाख रुपये का जुर्माना

मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर जिले में खेतों में पराली जलाने पर किसानों पर सख्त एक्शन लिया. रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने मई 2025 तक 770 किसानों पर करीब 16.71 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही तीन खेत मालिकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी. जबकि, इंदौर की कृषि यूनिवर्सिटी परिसर में पराली जलाने पर 2500 रुपये का जुर्मान लगा. इंदौर के जिला अधिकारी आशीष सिंह ने कहा था कि नियम तोड़ने वालों पर सख्ती करना जरूरी है. बता दे कि इंदौर को देश का सबसे साफ शहर माना जाता है और ऐसे में पराली जलाने से शहर की हवा का स्तर खराब हो रहा है.

पराली जलाई तो 15 हजार रुपये जुर्माना लगेगा

सतना जिले के कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सतीश कुमार एस ने पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए सख्ती बढ़ाई है. उन्होंने कहा कि अब अगर किसी ने नरवाई जलाई, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.कलेक्टर के आदेश के मुताबिक अगर कोई किसान या व्यक्ति नरवाई जलाता हुआ पकड़ा गया तो उससे 2500 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा. जुर्माना घटना की गंभीरता और आग से हुए नुकसान के आधार पर तय किया जाएगा.

शिवपुरी में पराली जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में खरीफ 2025 में मक्का और धान की फसल कटाई के बाद नरवाई जलाना जिले में प्रतिबंधित किया गया है. कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई किसान या अन्य व्यक्ति खेत में नरवाई यानी पराली जलाते पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की ओर से 2500 रुपये से 15000 रुपये तक का अर्थदण्ड लगाया जाएगा. इस संबंध में नरवाई जलाने की घटनाओं को रोकने और प्रभावी कार्ययोजना बनाने के लिए कार्यालय उप संचालक कृषि में बैठक आयोजित की गई.

पराली प्रबंधन के लिए क्या करें किसान

किसानों को बताया गया है कि नरवाई यानी पराली प्रबंधन के लिए मॉडर्न यंत्रों का इस्तेमाल करें. किसानों से अपील की गई है कि नरवाई जलाने के स्थान पर सुपरसीडर, हैप्पीसीडर, स्मार्टसीडर एवं रोटावेटर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करें. इससे पराली सड़कर खाद में तब्दील हो जाएगी. जबकि, खेत में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ेगी, भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ेगी और अगली फसलों की उत्पादकता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

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