सोयाबीन किसानों को भावांतर योजना का लाभ देने के लिए कल 3 अक्टूबर से रजिस्ट्रेशन शुरू हो रहे हैं. इसके लिए किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का भी विकल्प दिया गया है. जबकि, ऑफलाइन किसान मंडी समतियों या क्रय केंद्रों पर भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके अलावा कल से अधिकारी गांव-गांव दौरा कर भावांतर योजना के बारे में किसानों को जानकारी देंगे और उन्हें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी समझाएंगे. मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को एमएसपी का लाभ देने के लिए भावांतर योजना को लागू किया है.
सोयाबीन किसानों को भावांतर योजना का लाभ मिलेगा
केंद्र सरकार ने किसानों को उपज की सही कीमत दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी तय कर रखा है. हर फसल का भाव तय किया गया है, जिसपर मंडी में व्यापारी या सरकारी उपज की खरीद करेगी. लेकिन, विपरीत मौसम और आवक बढ़ने की स्थिति पर किसानों को कई मौकों पर तय एमएसपी से कम दाम पर अपनी उपज बेचनी पड़ती है. इससे किसानों को नुकसान होता है और उन्हें तय एमएसपी का लाभ नहीं मिल पाता है. किसानों को इस नुकसान से बचाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने भावांतर योजना लागू की है. फिलहाल सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना का लाभ दिया जाएगा.
कब तक होंगे किसानों के रजिस्ट्रेशन
भावांतर योजना के तहत किसान अपनी सोयाबीन की उपज की बिक्री एमएसपी भाव पर कर सकते हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने 3 अक्टूबर से किसानों के रजिस्ट्रेशन शुरू कर रही है. यह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 24 अक्टूबर तक जारी रहेगी और सोयाबीन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने की दशा में राज्य सरकार कम कीमत का भुगतान किसान के बैंक खाते में करेगी.
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किसान कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन
भावांतर योजना का लाभ लेने के लिए सोयाबीन किसानों को रजिस्ट्रेश कराना अनिवार्य है. इसके लिए एमपी ऑनलाइन कीऑस्क, ई-उपार्जन वेबसाइट, ग्राहक सेवा केंद्र, एमपी मोबाइल एप के जरिए किसान रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके अलावा मंडी समितियों, क्रय केंद्रों, सहकारी समितियों पर भी रजिस्ट्रेशन कराए जा सकते हैं. जबकि, अफसर भी कल 3 अक्टूबर से गांव-गांव जाकर किसानों को भावांतर योजना की जानकारी के साथ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया समझाएंगे.
सीएम ने बताया क्यों लागू की गई है भावांतर स्कीम
मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान सोयाबीन की खेती करते हैं और किसानों को अपनी उपज का सही दाम नहीं मिलने की शिकायतें लगातार सरकार से की जा रही है. कई किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किए हैं. इसके बाद राज्य सरकार ने सोयाबीन किसानों को एमएसपी से कम भाव की स्थिति में नुकसान से बचाने के इरादे से भावांतर योजना को लागू किया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना लागू की जा रही है. उन्होंने कहा कि किसान पहले की तरह मंडियों में सोयाबीन की बिक्री करेगा. अगर एमएसपी से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो घाटे की भरपाई भावांतर योजना के तहत सरकार करेगी. फसल के बिक्री मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के अंतर की राशि सीधे सरकार देगी.
सोयाबीन का कितना मिलेगा एमएसपी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोयाबीन के लिए एमएसपी प्रति क्विंटल 5328 रुपए घोषित की है. किसान संघों के सुझाव पर राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष सोयाबीन किसानों को भावांतर का लाभ दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी हालत में घाटा नहीं होने देंगे.

सीएम ने लागू की भावांतर योजना.
किसान को कम कीमत मिलने का आकलन कैसे होगा
मंडी में औसत गुणवत्ता की कृषि उपज का बिक्री मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हो लेकिन राज्य सरकार की ओर से घोषित औसत मॉडल भाव से अधिक हो तो किसान को केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य और वास्तविक बिक्री मूल्य के अंतर के नुकसान की भरपाई की जाएगी. यदि मंडी में कृषि उपज का बिक्री मूल्य राज्य सरकार की ओर से घोषित औसत मॉडल भाव से भी कम हो तो किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य और घोषित औसत मॉडल भाव के अंतर के नुकसान की भरपाई की जाएगी.