Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने इस बार खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान की खरीद की तारीखों का ऐलान कर दिया है. पश्चिमी यूपी में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होगी, जबकि पूर्वी यूपी में 1 नवंबर से. इसके साथ ही धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में भी बढ़ोतरी की गई है. अब किसानों को सामान्य धान पर 2369 रुपये और ग्रेड ए धान पर 2389 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा.
कब और कहां होगी धान की खरीद
उत्तर प्रदेश में धान की खरीद इस बार अलग-अलग तारीखों से शुरू होगी. पश्चिमी यूपी में यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक चलेगी. इसमें मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़, झांसी, हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर शामिल हैं. वहीं पूर्वी यूपी में खरीद 1 नवंबर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक होगी, जिसमें चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर, प्रयागराज, लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव के किसान शामिल होंगे. किसानों को सरकारी रेट पर अपनी फसल बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया गया है.
MSP में बढ़ोतरी, अब मिलेगा ज्यादा दाम
सरकार ने किसानों को राहत देते हुए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में इस बार बढ़ोतरी की है. अब सामान्य धान (Common) का समर्थन मूल्य 2369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान (Grade A) का मूल्य 2389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. यह दाम सरकार द्वारा तय किए गए हैं, ताकि किसान को उसकी फसल का उचित मूल्य मिल सके. इससे न केवल किसान को सीधा लाभ होगा, बल्कि वह बिचौलियों से भी बच सकेगा. इस निर्णय से किसानों की आय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है और खेती को और अधिक लाभकारी बनाया जा सकेगा.
पंजीकरण कैसे करें-आसान तरीका
धान बेचने के लिए किसानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है. बिना पंजीकरण कोई भी किसान सरकारी क्रय केंद्र पर धान नहीं बेच पाएगा. पंजीकरण के दो तरीके हैं: वेबसाइट fcs.up.gov.in पर या UP KISAN MITRA मोबाइल ऐप से. पंजीकरण प्रक्रिया OTP आधारित है. किसान को मोबाइल नंबर पर आए OTP को दर्ज कर पंजीकरण पूरा करना होगा. यह व्यवस्था पारदर्शिता बढ़ाने और बिचौलियों से बचाने के लिए लागू की गई है.
बायोमेट्रिक सत्यापन और भुगतान की व्यवस्था
इस बार सरकार ने धान खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और तकनीक आधारित बनाया है. धान की खरीद केवल पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी, जिससे खरीदी में साफ-सफाई बनी रहेगी. खरीद के दौरान बायोमीट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा और ई-पॉप मशीन के जरिए ही धान की तौल और खरीद होगी. किसानों को भुगतान सीधे उनके आधार लिंक्ड बैंक खातों में किया जाएगा, जिससे भुगतान में किसी भी प्रकार की देरी या गड़बड़ी नहीं होगी. इस व्यवस्था से बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो जाएगी और धोखाधड़ी की संभावना नहीं रहेगी.
कहां से मिलेगी सहायता और जानकारी
अगर किसी किसान को पंजीकरण या धान बिक्री की प्रक्रिया में कोई समस्या आती है, तो सरकार ने मदद के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं. किसान टोल फ्री नंबर 18001800150 पर कॉल कर अपनी समस्या का समाधान करवा सकते हैं. इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी और ब्लॉक के विपणन निरीक्षक भी मौजूद हैं, जो किसानों को पूरी जानकारी और सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. ये अधिकारी किसानों की मदद के लिए तैनात हैं, ताकि वे आसानी से अपनी फसल की बिक्री कर सकें और किसी तरह की परेशानी न हो.