उत्तर प्रदेश ने गन्ना उत्पादन में देशभर में पहला स्थान हासिल कर लिया है. योगी सरकार की नई पहल से बीज नर्सरियों की संख्या दोगुनी कर दी गई है, जिससे किसानों को बेहतर बीज और ज्यादा पैदावार का सीधा फायदा मिलेगा. वैज्ञानिक निरीक्षण और त्रिस्तरीय प्रमाणन जैसी कड़ी प्रक्रिया से बीज की क्वालिटी सुनिश्चित की जा रही है. साथ ही, 4.4 करोड़ सिंगल बड बीजों के वितरण ने यूपी को गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है.
सिंगल बड बीज का रिकॉर्ड वितरण
बीज नर्सरियों की संख्या बढ़ने से बीज वितरण भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है. इस साल 2024-25 में प्रदेश में 4.4 करोड़ सिंगल बड बीज किसानों को दिए जा चुके हैं. ये देश की किसी भी शोध संस्था द्वारा उत्पादित बीजों से सबसे ज्यादा हैं. क्योंकि, सिंगल बड बीज से गन्ना जल्दी उगता है और बेहतर उत्पादन देता है. इससे किसानों को ज्यादा पैदावार और आमदनी मिलने की उम्मीद है. सरकार के इस कदम से उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन में देशभर में सबसे आगे निकल आया है.
वैज्ञानिक तरीके से होती है बीजों की जांच
किसानों तक अच्छी क्वालिटी के बीज पहुंचाने के लिए सरकार ने एक सख्त जांच प्रक्रिया तय की है. इसे त्रिस्तरीय बीज उत्पादन कार्यक्रम कहा जाता है. इसमें वैज्ञानिक टीमें बीजों की अलग-अलग समय पर जांच करती हैं. बुवाई के समय, अंकुरण के 45-60 दिन बाद, 100-120 दिन पर टिल्लरिंग स्टेज में, 180-200 दिन पर फसल बनने के दौरान और कटाई से 15-20 दिन पहले बीजों की स्थिति का निरीक्षण होता है. इस सख्त प्रक्रिया से गन्ना किसानों को हमेशा प्रमाणित और अच्छी क्वालिटी का बीज मिलता है, जिससे उत्पादन बढ़ता है.
किसानों की आमदनी में होगा इजाफा
गन्ना उत्पादन बढ़ने का सीधा फायदा किसानों की आमदनी पर पड़ेगा. अच्छे बीजों से फसल ज्यादा होगी और किसान ज्यादा गन्ना बेच पाएंगे. साथ ही चीनी मिलों को भी ज्यादा कच्चा माल मिलेगा. इससे मिलें भी सुचारू रूप से चलेंगी और गन्ना किसानों को समय पर भुगतान भी मिलेगा. सरकार का ये प्रयास किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.