मृदा स्वास्थ्य कार्ड से जानिए अपनी मिट्टी की सेहत, सही जानकारी और संतुलन के साथ करें खेती

मृदा स्वास्थ्य कार्ड की मदद से किसानों को मिलने वाली जानकारी के अनुसार ही किसान खेती की तैयारी करते हैं. मिट्टी को किस पोषक तत्व की और कितनी मात्रा में जरूरत है, इसके अनुसार ही किसान खाद या उर्वरक की खरीद करते हैं.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 15 Aug, 2025 | 02:00 PM

किसी भी फसल के बेहतर पैदावार के लिए बेहद जरूरी है कि बीजों की बुवाई से पहले किसान अपने खेती की मिट्टी की जांच कर लें. जांच के बाज मिट्टी की बनावट के अनुसार ही फसलों का चुनाव करें. ताकि फसल मिट्टी के अनुसार बढ़ सके और अच्छी पैदावार दे सके. किसानों को अपने खेती की मिट्टी की सारी जानकारी सही और सटीक ढंग से मिल सके इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) उपलब्ध कराया जाता है. इस कार्ड की मदद से किसानों को अपने खेती की मिट्टी में मौजूद सभी पोषक तत्वों की जानकारी मिलती है. किसी भी पोषक तत्व की कमी में मिट्टी को कितना और कौन सा पोषक तत्व देना है इसकी जानकारी भी इस कार्ड के माध्यम से मिलती है. इसके अलावा इस कार्ड से किसानों को ये सहूलियत भी होती है कि इसकी मदद से उन्हें फसलों का चुनाव करने में भी आसानी होती है.

मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी

मृदा स्वास्थ्य कार्ड की मदद से किसानों को अपने खेती की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की सटीक जानकारी मिलती है. इन पोषक तत्वों में नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटैशियम (K), ऑर्गेनिक कार्बन, सल्फर के साथ-साथ जिंक, आयरन, कॉपर, मैग्नीज, बोरॉन आदि शामिल हैं. इसके साथ ही इस कार्ड की मदद से किसानों को मिट्टी का pH मान का भी पता चलता है जिससे किसान किन फसलों की खेती करनी है, इसका चुनाव कर सकते हैं. इसके अलावा किसी भी फसल की बुवाई करते समय कौन के उर्वरक और खाद कितनी मात्रा में इस्तेामल करने हैं इसका भी अंदाजा लगता है.

कम लागत में ज्यादा पैदावार51555

उत्तराखंड कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से किसानों की लागत में कमी आती है. कार्ड की मदद से किसानों को मिलने वाली जानकारी के अनुसार ही किसान खेती की तैयारी करते हैं. मिट्टी को किस पोषक तत्व की और कितनी मात्रा में जरूरत है, इसके अनुसार ही किसान खाद या उर्वरक की खरीद करते हैं. इसके अलावा मिट्टी की बनावट के हिसाब से ही फसलों का चुनाव होता है. ऐसे  में किसान किसी भी गलत फसल का चुनाव नहीं करते हैं इसलिए वे फसल से पैदावार न मिलने जैसी समस्या से दूर रहते हैं, और उन्के सामने आर्थिक नुकासन नहीं होता है.  क्योंकि किसान, सही मिट्टी में सही फसल की बुवाई करते हैं तो उन्हें पैदावरा भी अच्छी मिलती है , जिससे किसानों को बाजार में अपने उत्पादन की कीमत भी अच्छी मिलती है और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होती है.

नजदीकी कृषि केंद्र से बनवाएं कार्ड

जो भी किसान सरकार द्वारा दी जा रही मृदा स्वास्थ्य कार्ड वाली सेवा का लाभ उठाना चाहते हैं वे अपने नजदीकी कृषि केंद्र में जाकर अपने खेती की मिट्टी की जांच करवाएं और केंद्र से मृदा स्वास्थ्य कार्ड पाएं.  इसके अलावा इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी जानने के लिए किसान केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट soilhealth.dac.gov.in पर जाएं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%