सरकार की बड़ी कार्रवाई- किसानों से ज्यादा पैसे लेने वाले खाद विक्रेता का लाइसेंस रद्द

बिहार सरकार ने किसानों को उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के लिए निगरानी अभियान शुरू किया है. तरैया में अधिक मूल्य वसूली की शिकायत पर खाद विक्रेता का लाइसेंस निलंबित कर सख्त कार्रवाई की गई है.

Kisan India
नोएडा | Published: 15 Aug, 2025 | 12:55 PM

राज्य के किसानों को समय पर उचित मूल्य और गुणवत्ता वाला उर्वरक उपलब्ध हो, इसके लिए बिहार सरकार पूरी तरह सक्रिय है. माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा के निर्देश पर राज्य भर में उर्वरक बिक्री की सघन निगरानी और छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का उद्देश्य कालाबाजारी, मुनाफाखोरी और अनियमित बिक्री को पूरी तरह खत्म करना है. इसी कड़ी में सारण जिले के तरैया प्रखंड में एक खाद विक्रेता पर कार्रवाई की गई है, जिसे किसानों की शिकायत के आधार पर दोषी पाया गया.

किसानों की शिकायत पर तुरंत हुई कार्रवाई

ग्राम बगही, पोस्ट पोखरेड़ा, प्रखंड तरैया के किसान मुकेश कुमार यादव और अन्य किसानों ने 6 अगस्त 2025 को शिकायत की थी कि पोखरेड़ा बाजार स्थित कुशवाहा खाद बीज भंडार यूरिया उर्वरक को निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर बेच रहा है. यह शिकायत डिजिटल मीडिया और विभाग के माध्यम से प्राप्त हुई थी. किसानों की इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कृषि विभाग ने तुरंत जांच का आदेश दिया.

संयुक्त जांच दल ने की स्थल पर छानबीन

राज्य कृषि विभाग ने सहायक निदेशक (रसायन), मिट्टी जांच प्रयोगशाला, सारण, छपरा और कृषि समन्वयक-सह-उर्वरक निरीक्षक, पंचायत चंचलिया, प्रखंड तरैया की संयुक्त टीम को मौके पर भेजा. निरीक्षण के दौरान टीम ने दस्तावेजों और बिक्री प्रक्रिया की बारीकी से जांच की. जांच पूरी होने के बाद विस्तृत प्रतिवेदन तैयार किया गया और उच्च अधिकारियों को सौंपा गया.

नियमों के उल्लंघन की पुष्टि, लाइसेंस निलंबित

जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद यह पाया गया कि “कुशवाहा खाद बीज भंडार” ने उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 की कंडिका 3(3), आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 7(1)(a)(II) और लाइसेंस शर्तों की कंडिका 2, 4 और 5 का उल्लंघन किया है. इन नियमों के प्रथम दृष्टया उल्लंघन को गंभीर मानते हुए प्रतिष्ठान की अनुज्ञप्ति संख्या D-SL21913092364835 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

कालाबाजारी पर जीरो टॉलरेंस

राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. खाद-उर्वरकों की कालाबाजारी, मुनाफाखोरी और अनियमित बिक्री पर शून्य सहनशीलता की नीति लागू की गई है. कृषि मंत्री ने सभी उर्वरक विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि वे निर्धारित मूल्य, मात्रा और गुणवत्ता के नियमों का सख्ती से पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ भी इसी प्रकार की कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

शिकायत करें, अधिकारों की रक्षा पाएं

कृषि विभाग ने राज्य के सभी किसानों से अपील की है कि वे उर्वरक खरीदते समय बिक्री रसीद अवश्य लें और किसी प्रकार की अनियमितता जैसे- अधिक मूल्य वसूली, खराब गुणवत्ता या कम मात्रा मिलने पर तुरंत विभाग को सूचित करें. विभाग ने भरोसा दिलाया है कि हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई होगी ताकि किसानों को नुकसान न हो और उनकी फसल समय पर अच्छी खाद मिल सके.

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Published: 15 Aug, 2025 | 12:55 PM

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