केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत उत्तराखंड की सरकार जल्द ही आठ सीमावर्ती गांवों में बिजलीकरण का काम शुरू करेगी. राज्य का बिजली विभाग ने इन गांवों और क्षेत्र में स्थित इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) चौकियों को पहली बार बिजली ग्रिड से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है.
उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) के अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी के आठ सीमावर्ती गांवों में 850 से अधिक घरों को बिजली पहुंचाने का काम जारी है. इसके साथ ही, 43 ITBP चौकियों को भी बिजली से जोड़ा जाएगा, जो भारत-चीन सीमा के निकट स्थित हैं.
UPCL ने इन बेहद दूरदराज और स्ट्रैटेजिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के लिए एक बड़ी योजना तैयार की है. पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली के इन गांवों और चौकियों के लिए बजट आवंटन और अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं.
योजना के तहत कितने गांव?
वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत 50 से अधिक सीमावर्ती गांव शामिल हैं, लेकिन फिलहाल केवल आठ गांवों को बिजलीकरण योजना में शामिल किया गया है. ये गांव हैं उत्तरकाशी का पुरुली और पिथौरागढ़ के नवी, कुटी, गुंजी, गरब्यांग, शीला, बालिंग और तिदांग.
टेक्निकल सर्वे, बिजली लाइन मार्ग निर्धारण, पोल लोकेशन, ट्रांसफॉर्मर योजना सहित सभी बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. UPCL की क्षेत्रीय टीमें कठिन भौगोलिक और मौसम की चुनौतियों के बावजूद इस काम को युद्धस्तर पर पूरा करने में लगी हैं.
क्या बोले अधिकारी
UPCL के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वाइब्रेंट विलेज योजना और बॉर्डर आउट पोस्ट (BOP) योजना राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के सशक्तिकरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस योजना की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं.
यह पहली बार होगा जब उत्तराखंड के इन सीमावर्ती गांवों को बिजली ग्रिड से जोड़ा जाएगा. इस पहल से न केवल इन दूरदराज के इलाकों में विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी. बिजली पहुंचने से गांवों के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा और सुरक्षा बलों के काम में भी सुविधा होगी.