Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के दूध उत्पादक किसानों के लिए खुशखबरी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया है कि दूध प्रोत्साहन योजना के तहत प्राइवेट मिल्क कोऑपरेटिव सोसायटीज से जुड़े किसानों को 3 रुपये प्रति लीटर की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी. इसके लिए SMS अलर्ट की सुविधा भी दी गई है. इस व्यवस्था के लिए NIC हिमाचल द्वारा एक स्पेशल पोर्टल भी विकसित किया गया है.
दरअसल, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन जिले के अर्की विधानसभा क्षेत्र के डारलाघाट में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ये ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है, जहां राज्य सरकार गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीद रही है. यह दूध हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन के माध्यम से खरीदा जा रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मौके पर ‘दूध प्रोत्साहन योजना’ और फ्रेट सब्सिडी योजना की शुरुआत भी की.
1.45 करोड़ रुपये की DBT जारी
उन्होंने डारलाघाट (सोलन) की गौ अमृत समिति, पपलोता समिति, अमृत धारा समिति, और बिलासपुर की कामधेनु समिति व केहलूर दूष समिति से जुड़े 8,000 पशुपालकों को 1.45 करोड़ रुपये की DBT राशि जारी की. इसके अलावा, किसानों को 1.59 करोड़ रुपये की परिवहन सब्सिडी भी दी गई, जो पहले 1.50 रुपये प्रति लीटर थी, अब इसे बढ़ाकर 3 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इस बढ़ी हुई सहायता से हर साल किसानों को करीब 18.24 करोड़ ररपये का आर्थिक लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है.
34.20 लाख रुपये की राशि वितरित
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत 8 स्वयं सहायता समूहों को 28.80 लाख रुपये और कामधेनु हितकारी मंच, नम्होल के 10 प्रगतिशील दुग्ध उत्पादकों को 34.20 लाख रुपये की राशि वितरित की. साथ ही, ट्रक ऑपरेटरों की सुविधा के लिए एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पहुंची ग्रामीण महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया, क्योंकि मुख्यमंत्री ने लगातार एक के बाद एक योजनाएं लॉन्च कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया.
परिवहन सब्सिडी में बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि प्राइवेट मिल्क कोऑपरेटिव्स द्वारा एकत्रित दूध पर मिलने वाली परिवहन सब्सिडी को 1.50 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जिससे हजारों किसानों को सीधा फायदा मिलेगा. इसके अलावा, MilkFed के जरिए दूध प्रोसेसिंग की सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि दूध उत्पादकों को बेहतर मार्केटिंग के अवसर देने के लिए सरकार ने जून 2025 में एक विशेष अभियान के तहत दूध सहकारी समितियां बनाने की शुरुआत की थी और अब तक 320 दूध सहकारी समितियां बन चुकी हैं. सरकार का लक्ष्य है कि हर ग्राम पंचायत, जहां दूध उत्पादन अच्छा है, वहां एक दूध सहकारी समिति बनाई जाए.