केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से महिला किसानों को काफी फायदा हुआ है. इन योजनाओं से महिला किसान आत्मनिर्भर बन रही हैं और उनकी कमाई में भी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में देश के हरेक राज्यों में लखपति दीदी की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इससे केंद्रीय कृषि मंत्रालय भी उत्साहित है. वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी मानना है कि देश की महिलाएं सशक्तिकरण की नई गाथा लिख रही हैं. महिलाओं ने सिद्ध कर दिया है नारी अबला नहीं, बल्कि नारी सबला है. उन्होंने कहा है कि नारी ही नारायणी है. शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में 3 करोड़ लखपति दीदियों का लक्ष्य समय से पहले हासिल कर लिया जाएगा.
दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली के पूसा परिसर में हुए कार्यक्रम में देशभर से आईं दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) की दीदियों का स्वागत करते हुए ये बातें कहीं. इस मौके पर दीदियों को सम्मानित भी किया गया. मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आपने (दीदियों) महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल पेश की है. आपने साबित कर दिया कि नारी अब अबला नहीं, बल्कि सबला है.
महिलाओं को हमेशा पुरुषों से ज्यादा सम्मान दिया गया
उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा में महिलाओं को हमेशा पुरुषों से ज्यादा सम्मान दिया गया है. साथ ही उन्होंने जोर दिया कि समाज में महिलाओं और पुरुषों के बीच किसी भी तरह का भेदभाव अब खत्म होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बहनों के आगे बढ़ने से ग्रामीण भारत की दिशा बदल रही है. कृषि मंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित दीदियों से कहा कि हमें यहीं नहीं रुकना है, बल्कि इससे एक कदम आगे बढ़कर दीदियों को उद्यमी दीदी भी बनाना हैं और इसके लिए सरकार प्रयत्नशील है. शिवराज सिंह के साथ दीदियों ने संकल्प लिया कि वे SHGs से बाकी महिलाओं को जोड़ने का प्रयास करेंगी और उन्हें लखपति दीदी बनाएंगी. साथ ही गांवों में नशामुक्ति अभियान चलाएंगी और स्वदेशी चीजें खरीदेंगे.
लखपति दीदियों की सफलता की कहानी
वहीं, इस आत्मीय कार्यक्रम में देशभर से आईं लखपति दीदियों ने अपनी सफलता की कहानी सभी के साथ साझा की. आंध्र प्रदेश से आईं दीदी कोयना पार्वती ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय का आभार जताया. मेघालय की एक दीदी ने कहा कि इस मिशन की वजह से वह अब आत्मनिर्भर बन चुकी हैं. पहले वह सिर्फ एक गृहिणी थीं, लेकिन अब ट्रेनिंग लेकर आर्थिक रूप से स्वतंत्र महिला बन गई हैं. लखपति दीदी बनने के लिए उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया.
मिशन से जिंदगी में बड़ा बदलाव आया
मध्य प्रदेश की स्वरूपा मीणा दीदी ने बताया कि अब लोग उन्हें उनके इलाके में ‘ड्रोन पायलट’ के नाम से जानते हैं. उन्होंने कहा कि इस मिशन ने उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया है. कार्यक्रम में लखपति बनने पर सभी दीदियों ने प्रधानमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रति आभार जताया. महाराष्ट्र की रूपाली दीदी ने कहा कि आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र हुई हैं और यह मिशन गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है. आंध्र प्रदेश की जानी बेगम दीदी ने कहा कि अब हालात ऐसे हैं कि पहले लोग हमें हमारे पति के नाम से जानते थे, लेकिन आज हमारे पतियों की पहचान हम दीदियों से हो रही है. यह आजीविका मिशन की सबसे बड़ी सफलता है. उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि इस मिशन ने दीदियों में आत्मविश्वास भर दिया है.